नन्हे से तिल में छिपे तेल की तरह परमात्मा तुम्हारे अंदर है : श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर जी महाराज
जालंधर(विनोद मरवाहा) मनुष्य शरीर मोक्ष का दरवाजा है। यह साधन है। तुम्हारे जीवन के अंदर जो कुछ भी जिम्मेदारियां हैं,
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