(हलचल नेटवर्क)
एक साल में एमबीबीएस की एक हजार से ज्यादा सीटें बढ़ाकर उत्तर प्रदेश इस मामले में देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर गुजरात है। इससे पहले सत्र 2014-15 में प्रदेश ने एक वर्ष में करीब पांच सौ एमबीबीएस सीटें बढ़ाकर देश भर का ध्यान खींचा था।
बीते एक साल में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आए बदलावों की ऐसी ही रिपोर्ट लेकर विभागीय मंत्री आशुतोष टंडन लोकभवन में पत्रकारों के सामने थे। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ उपचार उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कॉलेजों में बनाए जा रहे सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक का काम तेजी से चल रहा है। गोरखपुर में यह ब्लॉक शुरू हो चुका है, प्रयागराज, मेरठ व झांसी में अगस्त में शुरू होगा, जबकि कानपुर व आगरा में भी तेजी से निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा तेजी से निर्माण करते हुए नौ नये मेडिकल कॉलेजों को भी शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुरू करने का लक्ष्य है। इसी तरह प्रदेश के छह पुराने मेडिकल कॉलेजों में से आगरा, झांसी, प्रयागराज व गोरखपुर में सभी सुविधायुक्त रिसेप्शन कॉम्प्लेक्स शुरू हो गया है। मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में भर्ती मरीज के एक तीमारदार को निशुल्क भोजन की व्यवस्था की गई है, जबकि पीजीआइ, केजीएमयू व गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में एनएबीएल प्रमाणित अत्याधुनिक लैब स्थापित की गई है। पीजीआइ में पहली बार रोबोटिक्स सर्जरी व स्टेम सेल लैब की शुरुआत की गई है। टंडन ने पीजीआइ में हुए अन्य कार्यो के साथ केजीएमयू व लोहिया संस्थान में आए सुधार की भी जानकारी दी।

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