जालंधर/ हलचल नेटवर्क
शराब घोटाले में ईडी की हिरासत में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अब एक नई मुसीबत में फंस सकते हैं। हिरासत से लिखित आदेश जारी करने के मामले में उन पर नई गाज गिर सकती है। कानूनी रूप से वे हिरासत में रहते हुए मुख्यमंत्री के तौर पर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं कर सकते। लेकिन अब तक दो ऐसे पत्र सामने आ चुके हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उस पर केजरीवाल ने हस्ताक्षर किए हैं। यदि यह सिद्ध हो जाता है कि सीएम केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए उक्त आदेश पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं, तो इस मामले में उन पर नया केस दर्ज किया जा सकता है। वहीं, यदि बिना उनके हस्ताक्षरित पत्रों को उनका पत्र बताकर मीडिया के सामने पेश किया गया है, तो इस मामले में वे लोग (आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज) फंस सकते हैं, जिन्होंने उक्त पत्रों को केजरीवाल का पत्र बताकर मीडिया के सामने पेश किया है।

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से इस बात पर लिखित शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले की जांच हो सकती है। नियमों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहते हुए कोई व्यक्ति इस तरह से पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। किसी विशेष परिस्थिति में जब संबंधित व्यक्ति के वकील उससे किसी पत्र पर हस्ताक्षर करवाते हैं, तो इस विषय में जेल अधिकारियों को पूर्व सूचना देना आवश्यक है। यदि बिना अधिकारियों को जानकारी दिए ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं, तो यह एक अपराध की श्रेणी में आता है और मामले में जांच की जा सकती है।
इस कोशिश में आप
दरअसल, आम आदमी पार्टी लगातार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि केजरीवाल शराब घोटाले में जेल जाने के बाद भी दिल्ली के लोगों के बारे में चिंतित हैं। वे लगातार दिल्ली की जनता की भलाई के लिए नए-नए आदेश जारी कर रहे हैं। इसके पहले दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना ने कथित तौर पर केजरीवाल द्वारा हस्ताक्षर किया गया एक पत्र 24 मार्च को दिखाते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में गर्मियों के दौरान सबको साफ जल उपलब्ध कराने पर चिंता जताई है। उन्होंने इस गर्मी में सबको साफ जल उपलब्ध कराने और सीवर संबंधी समस्याओं के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

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