
नई दिल्ली(हलचल नेटवर्क)
वैज्ञानिकों के अनुसार किशोर एथलीट्स के लिए स्पोर्ट्स ड्रिंक्स की अपेक्षा पानी पीना ज्यादा बेहतर है क्योंकि उर्जा वाले पेय पदार्थ रक्तचाप बढा सकते हैं तथा यह बच्चों और किशोरों में हृद्य संबंधी समस्याओं की वजह बन सकता है। कई लोग खेलों के साथ स्पोर्ट्स ड्रिंक्स को जोडते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह पेशेवर खिलाडियों को भी ऐसा करते देखते हैं। हालांकि शौकिया खेलने वाले लोग उतनी प्रबलता से नहीं खेलते हैं या उतने देर तक नहीं खेलते हैं जिससे उन्हें अतिरिक्त शर्करा और नमक की जरूरत पडे। अमेरिका में पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के मैथ्यू सिल्वीस ने बताया, ‘‘कसरत के दौरान आप जितना खोते हैं, उसकी भरपाई स्पोर्ट्स ड्रिंक्स कर सकता है लेकिन उसके लिए आपको एक घंटे में 45 मिनट से ज्यादा कसरत करना होता है तब आप स्पोर्ट्स ड्रिंक्स के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन हमारे बहुत से बच्चे इतनी अधिक कसरत नहीं करते हैं ।’’ अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि बच्चों में बढती मोटापे की दर को देखते हुए उनके लिए कसरत करने के बाद अतिरिक्त शर्करा वाले स्पोर्ट्स ड्रिंक्स की सिफारिश नहीं की जा सकती। पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के केटी गलोयर ने बताया, ‘‘बच्चों को इस ड्रिंक का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि शरीर में नमी का स्तर बनाए रखने के लिए पानी सबसे अच्छा उपाय है।’’ बिना शारीरिक गतिविधियों के अगर किशोर स्पोर्ट्स ड्रिंक्स पीते हैं तो इससे वजन बढने और दांत गिरने का भी खतरा रहता है।












































