जालंधर(विनोद मरवाहा)
जीवन प्रगति में मनुष्य का अहंकार बड़ा बड़ा बाधक है। इसके वशीभूत होकर चलने वाला मनुष्य प्रायः पतन की ओर ही जाता है।
यह बात अखिल भारतीय दुर्गा सेना संगठन की ओर से प्राचीन शिव मंदिर नजदीक दोमोरिया पुल में आयोजित साप्ताहिक हवन यज्ञ को अल्प विश्राम देते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर महाराज जी ने कही। इस अवसर पर गुरु माँ नीरज रतन सिकंदर जी भी विशेष तौर पर उपस्थित थीं।
श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर महाराज जी ने कहा कि अहंकारी मनुष्य के लिए जीवन के श्रेय पथ की यात्रा उसके लिये कठिन एवं दुर्गम हो जाती है। अहंकार से भेद बुद्धि उत्पन्न होती है जो मनुष्य को मनुष्य से ही दूर नहीं कर देती, अपितु अपने मूलस्रोत परमात्मा से भी भिन्न कर देती है। उन्होंने कहा कि परमात्मा से भिन्न होते ही मनुष्य में पाप प्रवृत्तियाँ प्रबल हो उठती है। वह न करने योग्य कार्य भी करने लगता है। अहंकार के दोष से बुद्धि विपरीत हो जाती है और मनुष्य को गलत कार्यों में ही सही का आभास होने लगता है।

श्री स्वामी जी ने कहा कि अहंकार और लोभ एक दूसरे के अभिन्न साथी है। जहाँ एक होगा, वहाँ दूसरे का होना अनिवार्य है लेकिन इन दोनों अवस्थाओं में अहंकारी व्यक्ति अपनी ही हानि किया करता है। अहंकार में अकल्याण ही अकल्याण है उससे किसी प्रकार के श्रेय की आशा नहीं की जा सकती। इस विषधर से जितना बचा जा सके उतना ही मंगल है।
इस अवसर पर संगठन के पंजाब प्रधान विशाल शर्मा, जालंधर प्रधान वैभव शर्मा, राकेश महाजन, लीना महाजन, रिया शर्मा, रीता शर्मा, उषा शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, सुनील मल्होत्रा, पूजा शर्मा, परवीन हांडा, अरुण शर्मा, अश्वनी मल्होत्रा, पंकज सिक्का, राजू लूथरा, सौरभ शर्मा, राजेश भारद्वाज, विनय शर्मा, मोनिका शर्मा, राजू शर्मा, कृष्ण बब्बर, सुरजीत लूथर, संजय सेतिया, केवल कृष्ण, युग त्रेहन, धीरज मेहता, दुष्यंत वोहरा, लक्ष्मी वोहरा, वीना वोहरा, शालू छाबड़ा, मोहित सिक्का, राजेश सेठ, मोहित जैन, कुसम गुप्ता, हिना कपूर, करण गुप्ता, दविंदर अरोड़ा, बब्बू शर्मा, मुकेश सहदेव, अशोक थापर, कृष्ण कुमार, अशोक चड्डा, सुरिंदर कपूर, नवीन जिंदल आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

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