जालंधर/विनोद मरवाहा
वार्ड बंदी के लिए प्रदेश सरकार ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत जालंधर में वार्डो की संख्या 80 से बड़ा कर 85 कर दी गई गई है। कैंट विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत आते 12 गावों की आबादी को मिलकर कुल चार नए वार्ड बनाए गए हैं जबकि जालंधर सैंट्रल में भी एक नया वार्ड बनाया गया है। जानकारों की मानें तो वार्डबंदी के नक़्शे में काफी बदलाव किया गया है।
चर्चा है कि अब कई विधानसभा क्षेत्रों की वार्डबंदी दोबारा हो सकती है क्योंकि आप में शामिल हुए नेताओं के हिसाब से भी कई वार्डों को एडजस्ट करने की जरूरत पड़ेगी । खास बात यह है कि इस बार जालंधर निगम के अधिकारियों ने वार्डबंदी का जो प्रारूप तैयार किया है , उसमें आम आदमी पार्टी के विधायकों की ही भूमिका रही है। तथाकथित आरोप तो यह भी है कि अपने चहेतों को लाभ व अपने विरोधियों को पटखनी देने के उद्देश्य से ही यह वार्डबंदी तैयार की गई थी ।
आप में शामिल हुए कई पूर्व पार्षद फिर टिकटों के दावेदार
पूर्व कांग्रेसी विधायक सुशील रिंकू के आप में चले जाने और लोकसभा उपचुनाव हेतु उम्मीदवार बनने के बाद कई पूर्व पार्षदों ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी का झाड़ू पकड़ लिया था । माना जा रहा है कि इन पूर्व पार्षदों में से अधिकतर अब दोबारा निगम चुनावों में पार्षद पद के दावेदार हैं और उन्हें टिकटों संबंधी आश्वासन भी मिले हुए हैं । इसलिए बदले नए समीकरणों के चलते वार्डबंदी का नक्शा बदलना लगभग तय है ।
बता दें कि यह फाइनल वार्डबंदी नहीं है क्योंकि यह डीलिमिटेशन बोर्ड की पहली बैठक थी। बोर्ड की दूसरी बैठक रद्द कर दी गई है जबकि तीसरी बैठक के बाद वार्डबंदी का ड्राफ्ट फाइनल कर दिया जाएगा।

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