जालंधर(मनु त्रेहन)
सूत्रों के मुताबिक, अगले सात दिनों के अंदर लोकसभा चुनाव का ऐलान लगभग तय है। आम चुनाव का बिगुल 9 मार्च के बाद किसी भी समय बज सकता है। जम्मू-कश्मीर में इलेक्शन के मुद्दे पर भी चुनाव आयोग 48 घंटे में कोई फैसला ले लेगा। इस बीच अगले 4 दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी के कई सरकारी दौरे तय हैं। चुनावी अधिसूचना के ऐन पहले किसानों को सम्मान निधि की दूसरी किस्त भी मिल सकती है। इसे लेकर कांग्रेस ने आयोग पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी पार्टी ने पूछा है कि क्या चुनाव आयोग आम चुनाव की तारीखों की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री के आधिकारिक कार्यक्रमों के पूरा होने का इंतजार कर रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने मोदी सरकार पर सरकारी कार्यक्रमों का इस्तेमाल राजनीतिक सभाओं के लिए करने का भी आरोप लगाया है।
चुनाव की आहट के बीच सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए अंतिम कोशिशें कर रही है। 6 मार्च को मोदी सरकार की अंतिम कैबिनेट मीटिंग भी है। इसमें सरकार किसानों के खाते में 2000 रुपये की दूसरी किस्त ट्रासंफर करने के फैसले को मंजूरी दे सकती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त 24 फरवरी को जारी की गई थी। सूत्रों के अनुसार, दूसरी किस्त नए वित्तीय साल की होगी, इसलिए कैबिनेट मंजूरी ली जाएगी और अप्रैल के पहले हफ्ते में ही इसे जारी कर दिया जाएगा। आम चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का किसानों को लुभाने का बड़ा दांव माना जा रहा है। इस योजना की घोषणा इस साल बजट में की गई थी और इसका असर चुनाव में दिखाने के लिए इसे पिछले साल से ही लागू करने का ऐलान किया गया। हालांकि इस योजना में सबसे बड़ी चिंता राज्यों की ओर से किसानों की लिस्ट नहीं आने को लेकर है। 24 फरवरी को जब एक करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया गया तो इसमें से 80 फीसदी लाभार्थी केवल यूपी, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के थे। पीएम मोदी ने खासकर विपक्षी राज्यों पर आरोप भी लगाया कि वे जानबूझकर किसानों की लिस्ट नहीं दे रहे हैं।

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