लुधियाना(राजन मेहरा)
वैश्विक मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में “फूड एंड न्यूट्रिशन डिपार्टमेंट” पीऐयू कैंपस में, डॉ रमेश पुनर जोत आई हस्पताल द्वारा आयोजित “स्टूडेंटस् हैल्थ अवेयरनेस कार्यक्रम” में डायबिटीज फ्री वर्ल्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ सुरेंद्र गुप्ता ने मधुमेह /डायबिटीज मैलाइटस् पर सेमीनार को संबोधित किया।
डॉ सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि भारत जैसे विकासशील देश में, आने वाले निकट भविष्य में, मधुमेह का प्रकोप मुंह बाए खड़ा है। भले इस समय चीन दुनिया का सर्वाधिक डायबिटीज पापुलेशन वाला देश है, लेकिन “इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन” (आई.डी.एफ) द्वारा जारी आंकड़ों में, जल्द ही भारत में सर्वाधिक डायबिटिक रोगी पाए जाएंगे।

इसके इलावा भारत में डायबिटीज के इलाज में हुई, तरक्की के कारण हमारे, मधुमेह के रोगियों की सँभावित-आयु/एक्सपेक्टेड एज में भी बढ़ोतरी हुई है। जिसके कारण अगले 10-15 वर्षों में हमारे पास 60 से 75 साल के डायबिटीज रोगियों की सेवा के लिए, बड़ी संख्या में, हॉस्पिटल-बैड सुविधा का निर्माण करना नितांत आवश्यक हो गया है। और भविष्य के मधुमेह प्रसार के खतरे को देखते हुए, हमें अभी से डायबिटीज प्रिवेंशन पर काम शुरू करना पड़ेगा। डॉ गुप्ता ने छात्रों को पैदल चलने की नसीहत देते हुए कहा कि दिन में 10हजार से अधिक कदम पैदल चलना चाहिए। या एरोबिक एक्सरसाइजेज जैसे के डांसिंग/जॉगिँग/ रनिंग/साइकिलिंग/ जिम एक्सरसाइजेज/ आउटडोर स्पोर्ट्स वगैरा-वगैरा के जरिये अपना डाईट कैलरी बैलेंस व फिटनैस लैवल बरकरार रखना चाहिये।डा गुप्ता ने कहा कि मेहनतकश जीवन शैली के अलावा हमें,खानपान में भी समझदारी से काम लेना चाहिए। और फूड कैलरीस् का ध्यान रखते हुए, भोजन का चयन करना चाहिए। हाई फैट-हाई कार्बोहाइड्रेट फूड की बजाय हमें, हाई फाइबर डाइट का प्रयोग करना चाहिए। जिससे डायबिटीज का खतरा कम होने के साथ-साथ मोटापे का खतरा भी कम हो जाता है। और सामान्य वजन वाले व्यक्तियों में हाइपरटेंशन/हार्ट अटैक/ स्ट्रोक और डायबिटीज का रिस्क काफी कम होता है।

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