जालंधर(विनोद मरवाहा)
स्पेशल ओलंपिक में भारत के लिए दो स्वर्ण पदक जीतने वाले 17 साल के लुधियाना के राजबीर सिंह इन दिनों अपने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने और कंधों व सिर पर ईंट ढोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ऊपर से कोढ़ में खाज यह है कि राजबीर सिंह को तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा घोषित इनामी राशि का आज भी इंतजार है। राजबीर ने ये दोनों स्वर्ण पदक क्रमश: एक व दो किमी. की साईक्लिंग प्रतियोगिता में जीते थे।
बता दें कि साल 2015 में लॉस एंजिल्स में आयोजित हुए स्पेशल समर ओलंपिक में लुधियाना के राजबीर सिंह ने दो स्वर्ण पदक जीते थे। भारत लौटने पर साल 2015 में तत्कालीन पंजाब की अकाली-बीजेपी सरकार ने राजबीर को उनकी उपलब्धि के लिए 15 लाख रुपये की इनामी राशि देने का ऐलान किया था। तब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राजबीर को एक कार्यक्रम में सम्मानित किया था और उन्हें अलग से एक लाख रुपये देने की घोषणा की थी। जब पंजाब सरकार द्वारा घोषित इनामी राशि भी नहीं मिली, तो अब राजबीर सिर अपना और परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करने और सिर व कंधों पर ईंट ढोने के लिए मजबूर हैं। राजबीर को तब केंद्र सरकार ने भी अलग से दस लाख रुपये दिए थे, लेकिन यह रकम बॉन्डस के रूप में है और यह राशि अभी परिपक्व नहीं हुई है। इस पर राजबीर के पिता बलबीर सिंह ने कहा, मेरा बेटा मेरे लिए बहुत ही खास है। प्रशासन द्वारा खुद के साथ किए गए ऐसे बर्ताव के कारण वह बहुत ही आहत हुआ है।
पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने इस मामले को पिछली सरकार से जुड़ा होने का बताते हुए इसका जल्द समाधान निकालने की बात कही है। अब देखने की बात यह होगी कि पंजाब सरकार अपने खजाने से कब और कितन जल्द राजबीर सिंह को उसके हक की इनामी रकम देती है।