जालंधर(विशाल कोहली)
लोकसभा जालंधर से अकाली-भाजपा गठबंधन के सांझे उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल को जबर्दस्त अंतर्कलह से जूझना पड़ रहा है। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते करतापुर के नाराज कई अकाली नेता व कार्यकर्ताओं द्वारा बसपा उम्मीदवार से हाथ मिलाने से अटवाल का गणित अभी से पूरी तरह बिगड़ता नजर आने लगा है।
बता दें कि हलका करतारपुर में हलका इंचार्ज से पिछली जिला परिषद, ब्लाक समिति और पंचायती चुनाव कारण कई छोटे-बड़े लीडर अकाली दल से नाराज बैठे हैं, जिन पर बसपा ने डोरे डालने शुरू कर दिए गए हैं। जानकारों का कहना है कि यह वे लोग हैं, जो दलित वोट बैंक का रुझान बसपा की तरफ करके अकाली उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल को एक बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे नेताओं में अकाली दल के हलका इंचार्ज के खिलाफ काफी रोष है। हलका इंचार्ज अकाली दल के लीडरों की अनदेखी के कारण विधानसभा चुनाव में इसका नुकसान तो झेल ही चुके हैं और अब आने वाले लोकसभा चुनाव में अकाली उम्मीदवार चरणजीत सिंह अटवाल को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बसपा उम्मीदवार सर्किल लांबड़ा, सदर, करतारपुर के गांव रायपुर रसूलपुर, बल्लां, काहनपुर, नूरपुर, रंधावा मसंदां, लिधड़ा, वरियाणा, अलीचक्क, कोटली, दुगरी, संघवाल, नंगल, जल्लोवाल, आलमगीर, जैतोवाली, मन्नण, दीनपुर, चमिआर, गाखलां, हुसैनपुर, सिंघां आदि में अपनी पैठ बना रहे हैं। इस बार ब्लाक समिति मेंबर रह चुके बल्लां के जसविंदर बल्ल के घर पहुंचे और बसपा का साथ देने के लिए कहा। ऐसी मुलाकातें रोज हो रही हैं, जो चरणजीत सिंह अटवाल के सबसे ज्यादा खतरा पैदा कर सकती हैं।

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