जालंधर/हलचल नेटवर्क
गीताप्रेस गोरखपुर ने पहली बार इस माह में पंजाबी भाषा में हनुमान चालीसा का प्रकाशन किया है। 30 हजार प्रतियां प्रकाशित की गईं हैं। प्रकाशन के दो दिन के अंदर ही लुधियाना से दो लोगों ने बांटने के लिए क्रमश: 15 व 10 हजार प्रतियां खरीद लीं।
इस तरह 25 हजार प्रतियां बिक गईं। गीताप्रेस में केवल पांच हजार प्रतियां ही शेष हैं। उन्हें बुक स्टालों पर भेजने की तैयारी की जा रही है। मांग आने पर और प्रतियां प्रकाशित की जाएंगी। गीताप्रेस 15 भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन करता है। हनुमान चालीसा अभी 10 भाषाओं- हिंदी, नेपाली, गुजराती, असमिया, तमिल, बांग्ला, तेलुगु, कन्नड़, ओड़िया, अंग्रेजी में प्रकाशित की जाती थी। गीताप्रेस ने 11वीं भाषा पंजाबी में इसे इस माह प्रकाशित किया है। ताकि पंजाब के लोग अपनी भाषा में हनुमान जी की अर्चना कर सकें।
गीताप्रेस प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने कहा कि पंजाबी भाषा में अनेक पुस्तकें प्रकाशित की जाती हैं। इस बार हनुमान चालीसा का भी प्रकाशन किया गया है। 25 हजार प्रतियां तुरंत बिक गईं। यदि मांग आती है तो उसके अनुसार प्रतियाें का प्रकाशन कर पाठकों की मांग पूरी की जाएगी।

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