जालंधर/विशाल कोहली
नगर निगम के वार्ड नंबर 17 में गत पांच वर्षों में जिस तेजी से कमल मुरझाया है, उसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। वार्ड में पूरी तरह मुरझाए कमल को देखकर भाजपा के नगर निगम चुनावी प्रबंधकों के तोते उड़ गए हैं। बेशक अभी चुनाव दूर हैं लेकिन उन सभी के चेहरों पर हताशा अभी से साफ़ झलकने लगी है। कम से कम ऐसी असहनीय स्थिति की कल्पना तो भाजपा के किसी नेता व कार्यकर्त्ता ने नहीं की होगी।

यह स्थिति भाजपा के दिग्गज नेताओं को इसके कारण ढूंढ़ने के लिए मजबूर करती होगी। उनको अब समझना होगा कि आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुए इस वार्ड में कोई सशक्त व लोकप्रिय भाजपा नेता को उतरना होगा। हर बार भारतीय जनता पार्टी किसी पूर्व कैबिनेट मंत्री के नाम और काम पर ना तो वोट मांग सकती है और ना ही जीत प्राप्त कर सकती है।
इस बार निगम चुनावों में वार्ड के लगभग सभी मतदाता बेहतर विकल्प की तलाश में हैं। ऐसे में उम्मीदवार बदले बिना भाजपा के लिए जीत हासिल करना नाको चने चबाने जैस होगा। जालंधर उप चुनाव में भले ही इस वार्ड में आम आदमी पार्टी की रफ्तार थोड़ी थम सी गई थी लेकिन पूरे केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र में आप का लगातार बढ़ते जनाधार से इंकार नहीं किया जा सकता। वार्ड की जनता को भी अभी से आम आदमी पार्टी से बड़ी उम्मीद नजर आने लगी है।
आगामी नगर निगम चुनावों में इस वार्ड की राजनीति का ऊँट किस करवट बैठेगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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