जालंधर/विनोद मरवाहा
जालंधर नगर निगम में छत बदलने संबंधी ग्रांट में हुए भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आता दिखाई दे रहा है। आरोप है कि जालंधर नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे चरण दौरान जमकर हेरा फेरी हुई और इस काम में लगे फील्ड स्टाफ ने कई मामलों में गड़बड़ी की जो अब पकड़ में भी आ रही है। आरोप तो यह भी है कि एक पूर्व पार्षद ने अपने कार्यकाल के पांच सालों दौरान शहर के बीचो-बीच पड़ते अपने वार्ड के ऐसे सैंकड़ों घरों को यह ग्रांट दिलवा दी जो इस ग्रांट के योग्य ही नहीं थे। यह आरोप भी है कि पूर्व माननीय ने जिन घरों को ग्रांट के पैसे दिलवाए, उनमें से कइयों से सैल्फ का 30 हजार रुपए का चैक लेकर वह पैसे खुद निकलवा लिए। कुछ मामलों में तो रिश्वत की यह राशि 50 हजार भी बताई जा रही है। इस के बावजूद पर्दे के पीछे से खेल संचालित करने वाले नगर निगम के कई अधिकारी व कर्मचारी अभी तक बचे हुए हैं।
जानकारों की मानें तो इस घोटाले की भनक पड़ते हुए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने इस सारे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच का दायरा आगे बढ़ चुका है और सफेदफोश पूर्व पार्षद को भी चिन्हित कर लिया गया है। जल्द कार्रवाई का दौर शुरू हो सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना की ग्रांट में बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार को लेकर अफसरों से भी जवाब मांगे जा सकते हैं ।