जालंधर/ विशाल कोहली
पंजाब में अब नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट होने लगी है। प्रदेश सरकार भी नगर निकायों की सीमा के विस्तार करने में लगी हुई है। जानकारों की मानें तो अप्रैल या मई ले बीच नगर निकाय चुनाव होने की प्रबल संभावना है। अधिसूचना मार्च में जारी की जा सकती है, लेकिन इसके लिए गवर्नमेंट तय करती है कि नोटिफिकेशन कब जारी किया जाएगा।
बता दें कि इलेक्शन कमिशन सरकार को अधिसूचना के लिए प्रस्ताव भेजती है और सरकार अधिसूचना जारी करती है। सूत्रों की मानें तो अभी तक राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, क्योंकि अभी सरकार मतदाता सूची के सुधार कार्यों को करने में लगी हुई है। जब सरकार अपना यह कार्य पूरा कर लेगी तो उसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग उस आधार पर वोटर लिस्ट तैयार करेगी, जिसमें लगभग एक महीने का समय लगेगा।
हालांकि स्टेट इलेक्शन कमीशन नगर निकाय के चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है और वह लगातार सरकार द्वारा चुनाव सबंधी किये जा रहे कार्यों पर नजर बनाए हुई है।
यहाँ यह बताना भी जरूरी है कि आरक्षण का जो प्रावधान है उसे भी सरकार ही करती है और उसके लिए जो नगर निकाय चुनाव होना है उसमें पूरे प्रदेश के ओबीसी, एससी/एसटी और जनरल कैटेगरी वालों की जनसंख्या निकाली जाती है। इसमें सबसे पहले एसटी की जनसंख्या को फिगर आउट किया जाता है, फिर यह देखा जाता है कि उस क्षेत्र में कितनी सीटें आती हैं। उसका मूल्यांकन किया जाता है और फिर उसको बढ़ते व कम क्रम में रखते हैं। उनमें जो टॉप पापुलेटेड होते हैं उनको आरक्षण दिया जाता है। इसी तरह वार्ड के भी आरक्षण का प्रावधान है और फिर अधिक कास्ट वाली जनसंख्या को रिजर्व किया जाता है। आरक्षण का प्रावधान लागू करने के लिए चकरानुक्रमांक यानी की रोटेशन प्रक्रिया का भी पालन करना पड़ता है। यदि एसटी सबसे ज्यादा पापुलेटेड हैं तो ऐसी सीट एसटी के लिए वह रिजर्व की जाएगी और फिर उसी तरह जो सेकंड मोस्ट पापुलेटेड कास्ट होती है फिर उसका रिजर्वेशन किया जाता है।

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