जालंधर/ विशाल कोहली
नगर निगम के घपले और घोटालें हर दिन सामने आने के बाद नगर निगम की साख को बट्टा तो लगा ही है इसी के साथ वे कर्मचारी और अधिकारी भी भ्रष्ट कहलाने लगे हैं जिन पर अभी तक कोई भी दाग नहीं लगा है। नगर निगम में सबसे ज्यादा घोटालों का रिकॉर्ड बिल्डिंग ब्रांच के नाम है।
नगर निगम में फर्जी एन.ओ.सी. के ताजा घोटाले के बाद अभी तक जांच के नाम पर कोई विशेष कार्रवाई प्रारंभ नहीं हो पाई है लेकिन मामला सामने आने से हर रोज नए खुलासे ही रहे हैं।
कहा जा रहा है कि यह गोरखधंधा नगर निगम के ‘न’ नाम के एक क्लर्क और एक डिप्लोमा होल्डर आर्किटैक्ट की मिलीभगत से चलाया जा रहा था। फर्जी एनओसी के जरिए तथाकथित तौर पर घपला करने वाला यह कर्मचारी दिखने में तो ठिगना सा है लेकिन जितना जमीन से ऊपर है, उतना ही जमीन के नीचे है। सूत्रों की मानें तो यह क्लर्क अपने खुराफाती दिमाग से अब तक नगर निगम को बड़ी सफाई के साथ लाखों का चूना लगा चुका है। दबी जुबान में यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस क्लर्क का नियमित संपर्क बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों से रहता है। अपनी गंदी सोच के चलते यह क्लर्क अपनी जेबें भरने के साथ साथ भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की थैलियों में भी माल भर रहा था।
नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक इस पूरे गोरखधंधे की शिकायत मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास पहुंच गई है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई किये जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता ।
बता दें कि वैसे जाली एनओसी ज्यादातर उस कॉलोनी के लिए इस्तेमाल होने की आशंका है जो अवैध है और जिसकी एनओसी नगर निगम से हासिल ही नहीं की जा सकती। दूसरा रेगुलर कॉलोनी में भी प्लाट विक्रेता एनओसी के भारी भरकम खर्च को देखकर जाली एनओसी का इस्तेमाल कर सकता है।