जालंधर(विनोद मरवाहा)
प्रभु का स्मरण करना, भक्ति करना कभी भी व्यर्थ नहीं जाता क्योंकि भगवान सदैव हमारे समक्ष होते हैं। मनुष्य देह का, धन का व अन्य पद प्रतिष्ठा का कभी अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार रहित होकर ही भगवान की प्राप्ति संभव हो पाती है।
यह आशीर्वचनअखिल भारतीय दुर्गा सेना के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर जी महाराज ने प्राचीन शिव मंदिर, नजदीक दोमोरिया पुल में आयोजित मां बगलामुखी साप्ताहिक हवन यज्ञ को अल्प विश्राम देते हुए कहे। इस अवसर पर गुरु माँ नीरज रतन सिकंदर जी भी विशेष तौर पर उपस्थित थीं।
श्री स्वामी जी ने कहा कि कलियुग में ईश्वर की भक्ति ही एक ऐसी भक्ति है जो मनुष्य के जीवन को भव सागर से पार लगा सकती है। यह मानव जीवन एक लाख चौरासी हजार योनियों के भुगतने के बाद मिलता है। जो मनुष्य अच्छे कर्म करता है और भगवान की भक्ति में लीन रहता है। उसे ही ईश्वर मनुष्य जीवन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि कलियुग में जो मनुष्य गरीब, असहाय, निर्धन लोगों की मदद करेगा उस मनुष्य के जीवन में सुखों की प्राप्ति होगी।
श्री स्वामी जी महाराज ने कहा कि पितृ पक्ष के दौरान अपने माता-पिता, पूर्वजों को एक लोटा जल देने और एक गरीब को खाना खिलाने से उनको शांति मिलती है। ऐसा करने से घर में होने वाली कलह, बीमारी, रोग सहित कई विपदाएं दूर हो जाती हैं।
इस अवसर पर संगठन के पंजाब प्रधान विशाल शर्मा, जालंधर प्रधान वैभव शर्मा, बलजिंदर यादव, बबलू शर्मा, इक़बाल सिंह, निखिल, रमेश आनंद, राजू शर्मा, अशोक लूथर, पवन शूर, कृष्ण बब्बर, नीरज गुप्ता, डॉली हांडा, मोहित सिक्का, लल्ली भारद्वाज, हेमंत शर्मा, अमित जैन, निशा गुप्ता, विनोद कुलकर्णी, पुष्पिंदर शर्मा, राजेश सेठ, सौरभ शर्मा, पूजा शर्मा, लीना महाजन, राकेश महाजन, लक्ष्मी शर्मा, राज कुमार कलसी, कृष्ण शर्मा, अश्वनी शर्मा, अरुण शर्मा, कांता विज, सुरिंदर तलवाड़, परमिंदर सिंह, तृप्ता शर्मा, युग त्रेहन, पंकज सिक्का, मोनिका शर्मा, विनय शर्मा, अमित शर्मा, परवीन हांडा, मोहित जैन, ईशा जैन, रानी गुप्ता, नीलू शर्मा, कुसुम जैन, संगीता गुप्ता, अवतार कौर, नीलिमा, कनिका, कंचन जैन, मोहिनी शर्मा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।