नई दिल्ली(सुमन चोपड़ा)
निजी अस्पतालों की मनमानी रोकने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली नर्सिग होम एक्ट में संशोधन के लिए मसौदा तैयार किया है। यह संशोधन लागू हुआ तो निजी अस्पताल मरीज की मौत होने पर बिल बकाया होने की बात कहकर शव को बंधक बना नहीं रख सकते। यदि परिजन किसी कारण उस वक्त बिल भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं तो भी शव उन्हें लौटना होगा। हालांकि, बाद में परिजनों को अस्पताल का बिल चुकाना पड़ेगा। बिल नहीं चुकाने पर अस्पताल बाद में कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं। इसके अलावा दवाओं व डिस्पोजेबल की कीमत भी निर्धारित की जाएगी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि यह मसौदा स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशालय के महानिदेशक डॉ. कीर्ति भूषण के नेतृत्व में नौ विशेषज्ञों की गठित कमेटी ने तैयार किया है। इस कमेटी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल, दिल्ली मेडिकल काउंसिल व दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे। मसौदे के मुताबिक निजी अस्पताल में मरीज के भर्ती होने के छह घंटे के अंदर मौत होने पर अस्पताल प्रशासन को कुल बिल में से 50 फीसद कम करना होगा और 24 घंटे के अंदर मौत होने पर 20 फीसद बिल कम करना होगा।

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