जालंधर(विशाल कोहली)
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में केंद्रीय विधानसभा हलका से शिरोमणि अकाली दल व भाजपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी चरणजीत सिंह अटवाल ने लगभग 4000 से अधिक मत प्राप्त किये थे।लोकसभा चुनावोँ मे हुई इस जीत के बाद मनोरंजन कालिया जनाकक्षाओँ पर खरे उतरे हैं।
इसके पीछे मुख्य दो कारण हैं। पहला कांग्रेस का कमजोर हो चुका जनाधार और दूसरा इस क्षेत्र में मौजूदा विधायक के नेतृत्व की समाप्त हो चुकी विश्वसनीयता। विधायक की इस उपेक्षा का कारण उसकी राजनीतिक जमीन का लगातार खिसकते जाना अभी भी बड़ी तेजी से जारी है। इस हल्का में कांग्रेस की राजनीतिक जमीन कमजोर हुई है वहीँ वह दूसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई है।
इससे साफ है कि बीते सालों से इस क्षेत्र में मनोरंजन कालिया के जनाधार, उसकी विश्वसनीयता और राजनीतिक प्रभाव में व्यापक और बहुआयामी विस्तार हुआ है। कालिया जी के मंत्री रहते इस क्षेत्र में जितने विकास कार्य हुए थे उनकी दस्तक मतदाताओं को आज भी बखूबी सुनाई दे रही है। बढ़िया सड़कें, चुस्त दरुस्त सीवेरज सिस्टम, बढ़िया स्ट्रीट लाइट, फ्लाईओवर और सिविल अस्पताल का कायाकल्प, लोगों को आज भी याद है। श्री कालिया के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की लोग चर्चा कर रहे हैं और उसकी प्रशंसा भी कर रहे हैं।
दूसरी तरफ आज सड़कों की दुर्दशा लोगों को सहन नहीं हो रही है। सड़कों में जगह-जगह पड़े गड्ढे लोगों की परेशानी की वजह बने हुए हैं। इनकी वजह से आए दिन कोई न कोई दुर्घटना हो रही है। इससे ऐसा लगता है कि जालंधर केंद्रीय विधानसभा हल्का के मौजूदा विधायक ने इस क्षेत्र को लावारिस छोड़ दिया है। यह भी स्पष्ट है कि मौजूदा कांग्रेसी विधायक ने आगामी चुनाव न लड़ने का निर्णय अभी से कर लिया है। यही कारण है कि वह आज जनता की भावनाओं का अनादर कर रहे हैं, हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और केंद्रीय क्षेत्र को राम भरोसे छोड़ दिया है जबकि श्री कालिया ने अपनी विचारधारा से लेकर राजनीतिक प्रदर्शन में स्थिरता और निरंतरता अभी तक बनाए रखी है। लोक कल्याण के कार्यों और जनता के बीच हर समय उपस्थिति के कारण श्री कालिया का न केवल राजनीतिक जनाधार बढ़ा है, बल्कि उनके समर्थकों की संख्या भी बड़ी तेजी से लगातार बढ़ रही है।