लुधियाना(राजन मेहरा)
कैबनिट मंत्री भरत भूषण आशु के साथ उलझे लुधियाना के डीएसपी बलविन्दर सिंह सेखों ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इंसाफ़ की गुहार लगाई है। भरत भूषण के साथ हुए विवाद के बाद पंजाब सरकार ने बलविन्दर सेखों को सस्पैंड कर दिया था।
डीएसपी बलविन्दर सेखों ने हाईकोर्ट में पाई पटीशन में कहा कि बिना किसी सुनवाई से उसे सस्पैंड कर दिया गया। सेखों ने अपनी पटीशन में कहा कि न कोई कारण बताओ नोटिस पर न ही उस का कोई बयान रिकार्ड किया गया। सीधा उसे नौकरी से सस्पैंड कर दिया।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने बलविन्दर सिंह सेखों पर इल्ज़ाम लगाए था कि उस ने मेसेज में गलत शबदावली का प्रयोग की है। इस मुद्दे को कैबिनेट मीटिंग में भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह सामने रखा था। इस के बाद बलविन्दर सेखों को 5दिसंबर को नौकरी से सस्पैंड कर दिया गया था।
क्या है मामला?
दरअसल कैप्टन के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु और डीएसपी बलविन्दर सेखों बीच खींच तान चल रही है। सेखों ने कहा कि वह ख़ुद चाहते हैं कि ग्रेड मैनर होमज़ मामलो में असली सच्चाई सामने आए। अगर इस जांच में उन ख़िलाफ़ कुछ भी गलत पाया गया तो वह हर तरह की सज़ा भुगतने के लिए तैयार हैं। डीएसपी सेखों अनुसार साल 2018 में उन को समकालीन मंत्री नवजोत सिद्धू ने ग्रेड मैनर होमज़ की जांच करन के लिए कहा था। जुलाई 2018 में शुरू की गई जांच दौरान मंत्री के नज़दीकियाँ के कुछ नाम सामने आए। फरवरी 2019 में जांच पूरी कर कर रिपोर्ट भेज दी गई। इस दौरान नवजोत सिद्धू से सम्बन्धित विभाग छीन लिया गया और उस से तुरंत बाद उन का तबादला कर दिया गया। इस जांच फाइल में तब के मौजूदा मंत्री और सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उचित कार्यवाही की सिफ़ारिश कर चुके थे, परन्तु अब यह मामला दबा उठाया है। सेखों ने बताया कि उन के पास तीन गन्नमैन थे। इस में से दो गन्नमैन सरकार ने वापस ले लिए। उन कहा कि बाकी बचा गन्नमैन भी वापस ले लिया जाये क्योंकि अब उन की जान को ख़तरा है। अगर यह गन्नमैन भी उन के साथ रहा तो उन को डर है कि कहीं वह भी विरोधियों हत्थे न चढ़ जाये।

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