जालंधर / विशाल कोहली
हवा में चुनाव की सरसराहट होते ही महानगर जालंधर की लगभग सभी विधान सभा सीटों पर सियासी हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक दल मतदाताओं के विभिन्न वर्गों को लुभाने के कर रहे हैं। पंजाब की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के विपक्षी दल खासतौर पर सक्रिय हो गए हैं। फहराने के लिए क्षेत्र में जी-जान ऐसे में एक बार फिर झाडू इस उम्मीद से जुटे हुए हैं कि शायद थामने को बेचैन इन महाशय का पार्टी हाई कमान की निगाह उन पर पड़ जाए।
इसके बावजूद केंद्रीय विधान सभा हल्का इस सब के बावजूद अभी तक में जनता के सामने कांग्रेस सरकार चुनावी टिकट पक्की न होने के की नाकामियों को उजागर करने के कारण आजकल बेचैन फिर रहे लिए व दिन रात एक किए हुए हैं। हैं। इसे इंतजार की इंतहां न कहें मिशन 2022 में जीत का परचम तो क्या कहा जाए | उनसे न उगलते बन रहा है और न निगलते फिर भी उनकी ओर से ‘पॉलिटिकल मार्केट’ मे बने रहने की कोशिश लगातार जारी है। शायद यही कारण है कि नेता जी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है
राजनैतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि सेंट्रल हलके से झाडू वाली पार्टी के दिल्ली बैठे आकाओं ने यहाँ से किसी जिताऊ उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी के सर्वेसर्वा ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी मैदान में केवल व केवल जिताऊ उम्मीदवार ही उतारा जाएगा पर सबसे अहम सवाल यह है कि नेता जी कब तक रहेंगे ‘चुनाव प्रत्याशी इन वेटिंग’ रहेंगे ।