जालंधर/आशु घई
शहर में जगह-जगह हो रहे अवैध निर्माण नगर निगम के अधिकारियों की अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के दावों की पोल खोल रहे हैं। जहां एक तरफ नगर निगम द्वारा आम लोगों पर नोटिस, चालान, निर्माण कार्य रुकवाने, जुर्माना, तोड़-फोड़ की कार्रवाई की जा रही है वहीं दूसरी तरफ कई निर्माण कार्यों में नगर निगम के नियमों की अनदेखी कर उन्हें खुली छूट दी जा रही है।
ताजा मामला जालंधर दिल्ली हाईवे का है, जहां ढिलवां रेलवे फाटक के नजदीक बना 4 मंजिला होटल
पंजाब सरकार व नगर निगम अधिकारियों के दावों का मुंह चिढ़ा रहा है। आरोप यह है कि यह होटल नगर निगम के बाइलॉज के हिसाब से नहीं बनाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इसकी जानकारी जब नगर निगम अधिकारियों को मिली तो नोटिस भेज दिया गया । मगर नोटिस भेजने के बाद नगर निगम के अधिकारी शांत बैठ गए जबकि लगातार निर्माण चलता रहा। होटल मालिकों ने तेजी के साथ होटल कंपलीट कराकर उसका उद्घाटन भी कर दिया।
अब चूँकि मामला पंजाब के मुख्यमंत्री के पास पहुँच चुका है और ऐसे में इस सारे मामले में चांदी काटने वाले नगर निगम अधिकारियों पर गाज गिरना लगभग तय है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ बैठे चीफ विजीलैंस अफसर ने इसकी जांच शुरू कर हाेटल के निर्माण सबंधी फाईल अपने पास मंगवा ली गई है। इतना ही नहीं एटीपी काे भी इस मामले की विस्तृत रिपाेर्ट बनाकर भेजने के लिए कहा गया है। ऐसे में आने वाले दिनाें में हाेटल मालिकों की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।

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