लघु उद्योग भारती रजत जयंती महासम्मेलन, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया विधिवत शुभारंभ

जालंधर (राहुल) विश्व पटल पर भारत की वर्तमान आर्थिक, सामाजिक स्थिति व बदलते परिवेश में लघु उद्योगो की सार्थकता व दायित्व के बीजमंत्र व लघु उद्योग भारती द्वारा अपने रजत जयंती स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में नागपुर में आयोजित किए जा रहे अखिल भारतीय रजत जयंती महासम्मेलन का उदघाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने किया। उक्त जानकारी देते हुए लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष जतिन्द्र गुप्त, जम्मू कश्मीर, हिमाचल के सहप्रभारी व पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट अरविंद धूमल व मीडिया प्रभारी विक्रांत शर्मा ने बताया कि सुरेश भट्ट सभागृह, रेशिमबाग, नागपुर में शुरू हुए इस 3 दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ पवित्र ज्योति प्रज्वलन से हुए। अपने संबोधन में डॉ भागवत विभिन्न प्रदेशों से आए संगठन प्रतिनिधि उधमियों का मार्गदर्शन करते हुए लघु उद्योग भारती की स्थापना से रजत जयंती वर्ष तक पहुचने के विभिन्न पड़ावों, और अब लघु उद्योगों की सेवा में कार्यरत देश के सबसे बड़े अखिल भारतीय को और अधिक मजबूत व कारगर बनाने के लिए सभी उधमियों व संगठन प्रतिनिधियो को अधिक सक्रिय होने का आह्वान किया। इस दौरान संघ प्रमुख ने विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत कुटीर उद्योगों की प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया।
आज।के द्वितीय सत्र के दौरान पर्यावरण समस्या का समाधान- कचरे से संपत्ति निर्माण विषय पर इन्नोवेटिव थॉट फोरम के संस्थापक न्यासी सत्यनारायण डंगायच ने बीज भाषण दिया। आज के तीसरे सत्र में सभी प्रदेशो के प्रतिनिधियों की क्षेत्रानुसार एकत्रीकरण व उनके द्वारा किए गए संगठणात्मक कार्यो की समीक्षा व उन्हें पेश आ रही समस्याओं व उनके संभावित समाधान के बारे मै चर्चा की गई। इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र, अध्यक्ष जतिंदर गुप्त, गोविंद लेले, सुनील दांतरे, ओम प्रकाश मित्तल, समिता घिसस, विनोद कुमार जैन, अवनीश परमार, अंजू सिंह, दिनेश लाकड़ा, विशाल दादा, मनोहर धवन, हरीश गुप्ता, विवेक राठौर, उत्तम चढ्ढा, अनुज कपूर व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
श्री अरविंद धूमल ने बताया कि 17 अगस्त को 4 सत्र होंगे जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग,कुटीर, सूक्ष्म,लघु व मध्यम उद्योगों की समग्र नीति, उनके स्थापन, प्रबंधन, आर्थिक संसाधन, रोजगारपरक, श्रम, बिजली दोहन संबंधी विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन, सार्थक नीति निर्धारण संबंधी विचार विमर्श किया जाएगा। इस दौरान उधमी सम्मेलन भी होगा जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल, केन्द्रीय व्यापार, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय संसदीय कार्य, भारी उद्योग, सार्वजनिक उधम राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल व विभिन्न प्रदेश सरकारों के मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष अधिकारी, प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज करवाएगें। इस दौरान यांत्रिकी उद्योग, अन्न, खाद्य व पेय उद्योग,प्लास्टिक, पोलिमर, रबर, औषध- एलोपेथी, आयुर्वेद, कपड़ा, वस्त्र,इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिकल, ऑटोमेंशन, कंप्यूटर, आई टी, पारंपरिक उद्योग व ग्राम शिल्पी उत्पाद सबंधित क्षेत्रानुसार मंथन किया जाएगा ताकि देश के सर्वपक्षीय विकास में हरेक वर्ग अपना सार्थक योगदान कर सके। हर हाथ को रोजगार व सन्मानपूर्वक जीने के समुचित अवसर उपलब्ध हो। देश की आर्थिक,श्रम, वित्त, बिजली,रोजगारपूरक, औद्योगिक व अन्य विभागों की नीतियों के निर्धारण प्रक्रिया, उनमे वांछित सुधारो के बारे में विस्तृत नीतिपरक चर्चा भी की जाएगी।

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