जालंधर(योगेश कत्याल)
जीवन का सुधार तभी हो सकता है जब हमारा संग सुधर जाए , क्योंकि जीवन सुधार की पहली सीढ़ी है। अच्छे व्यक्तियों का और साधु संतों का संग, तभी तो कहा गया है कि ‘अच्छे संग तरे’ अर्थात व्यक्ति अच्छे संग से ही तरता है।
यह उक्त विचार स्वामी देवकीनंदन दास जी ने ग्रीन एवेन्यू कॉलोनी, बस्ती पीर दाद के श्रीगौरी शंकर मंदिर के पंडित श्री राजकुमार तिवारी जी की अध्यक्षता में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन व्यक्त किए।
उन्होंने सबको संबोधन करते हुए कहा कि आज कल कुसंग के प्रभाव से हमारी नौजवान पीढ़ी अपने माता पिता का सही रूप से सम्मान करना भी भूल रही है। तभी मां बाप को वृद्धाश्रम में जाने की नौबत आ रही है। उन्होंने कहा कि जितना सही रूप से धर्म का प्रचार होगा, उतना ही हमारे बच्चे धर्म के साथ जुड़ेंगे और अच्छी तरह वह जान पाएंगे कि हमारे मां-बाप की हमारे जीवन में अहमियत क्या है और हमें उनकी सेवा किस कदर करनी है। श्रीमद्भगवद्गीता हमें सिद्धांत सिखाती है और श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भागवत हमारे लिए दृष्टांत हैं। यदि हम सिद्धांत और दृष्टांत दोनों जीवन में उतार लें तो हमें कोई भी हिला नहीं सकता।
स्वामी देवकीनंदन जी ने कहा कि हम सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते, और सच्चाई यही है कि हमने एक दिन इस संसार को छोड़ जाना है, और जाते समय कुछ भी हमारे साथ नहीं जाएगा , अगर कुछ साथ जाएगा तो केवल जो हमने धर्म का पालन करते हुए भगवान के नाम का जाप किया है या शुद्ध भक्तों का सन करते हुए भगवान की कथा सुनी है वही हमको आगे जाकर सुखी बनाएंगे।
कथा के दौरान पंडित राजकुमार तिवारी ने आए समाज सेवक मुकेश सहदेव का स्वागत माँ की चुनरी के साथ किया। तदुपरांत रमेश शर्मा परिवार की और से भंडारा लगाया गया।
इस अवसर पर पंडित राजकुमार तिवारी, पंडित मनोज़ कुमार (शास्त्री), मुकेश सहदेव, संजीव ठाकुर, नीना ठाकुर, राजेश अगिहिहोत्री, डॉ दविंदर शर्मा, शशि शर्मा, रवि शर्मा, चंद्र गुप्ता, मोनिका गुप्ता, चेतन भल्ला, ममता गुजराल, पूजा भल्ला, सुषमा शर्मा, विपन कुंद्रा, तेज प्रकाश, राजेश कुमार, प्रॉमिला, मुनीश ठाकुर, वीरकांता गुप्ता, सौरव सेठ, पूर्व पार्षद कृपाल सिंह बूटी, तेज कुमार दुबे, सतपाल, कुलविंदर, शिव कुमार, चन्दर मोहन चोपड़ा, नीलू ठाकुर, डॉ जतिंदर शर्मा, कनिका शर्मा, शक्ति शर्मा, अनिल नागपाल, राहुल कुमार, ओम प्रकाश दुबे, राकेश दुबे, पवन, विवेक बब्बी, विनय शर्मा, सागर, आदि मौजूद थे।