(हलचल नेटवर्क)
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर तक राम मंदिर पर फैसला सुना देगा। 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। इसके बाद किसी भी वक्त फैसला आ सकता है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबर के कोई प्रमाण नहीं हैं, जबकि रामलला से जुड़े कई प्रमाण मिल चुके हैं। न्यायाधीशों ने सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकीलों से बाबर के होने का प्रमाण भी मांगा था, जिस पर वे कोई उत्तर नहीं दे सके। फैसला आने के बाद केंद्र सरकार कानून बनाएगी और 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। बोले कि देश के संतों को ये ज्ञात हो गया है कि इसी सरकार में राम मंदिर निर्माण की हर बाधा दूर होगी। बोले, मोदी सरकार जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी काम शुरू करने वाली है।

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