जालंधर/विनोद मरवाहा
जालंधर वेस्ट में लोकसभा उप चुनाव में हारने के बाद से भाजपा की अंदरुनी गुटबाजी उभरकर एकदम सामने आ गई है। हालत यह है कि डेढ़-दो माह बाद नगर निगम चुनाव हैं और स्थानीय नेताओं की आपस में पटरी नहीं बैठ रही और न ही आपसी टकराव कम हो रहा है।
बता दें कि भाजपा में आपसी फूट की चर्चाओं को उस समय बल मिला जब आज कल विवादों में चल रहे एक भाजपा नेता ने पार्टी की हुई हार के लिए जालंधर वेस्ट भाजपा के प्रभारी व सभी मंडल व वार्ड अध्यक्षों से सोशल मीडिया पर ही इस्तीफा देने की बात कह डाली। उन्होंने जैसे ही अपनी चाणक्य-बुद्धि का उपयोग कर यह पोस्ट डाली, उनको विरुद्ध जालंधर वेस्ट के सभी भाजपाई एक जुट होकर उनके विरोध में उतर आए ।
इसी कड़ी में उनकी इस विवादित पोस्ट का जवाब देते हुए एक अन्य भाजपा नेता ने उपचुनाव में पार्टी की हुई हार का ठीकरा सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हीं पर (सभी मंडल व वार्ड अध्यक्षों का इस्तीफा मांगने वाले) ही फोड़ दिया। इस नेता द्वारा फेसबुक पर डाली गई इस पोस्ट को लगभग 25 से अधिक लोगों ने शेयर किया और लोगों ने अपने मन की भड़ास निकलते हुए थोक के भाव में कमेंट भी पोस्ट किये क्योंकि इस पोस्ट में इस्तीफा मांगने वाले के कई चित्र आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं के साथ भी पोस्ट में डाले गए थे जो उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के हारने की वजह व कहानी बताने के लिए काफी थे।
भाजपा को सच सुनना क्यों पसंद नहीं है? आगामी नगर निगम चुनाव में क्या वार्ड नंबर 45 में भाजपा के संभावित उम्मीदवार आप नेता को हरा पाएंगें? जानने के लिए हलचल पंजाब के साथ जुड़े रहें। जल्द करेंगें खुलासा ।
अब दबी जुबान में यह भी कहा जा रहा है कि इस विवादित भाजपा नेता ने हारती बाजी को जीत में बदलने के लिए ही सोशल मीडिया पर लाइव होकर अपनी खीज निकालते हुए वार्ड नंबर 45 से आम आदमी पार्टी की जीत का दावा कर डाला, साथ ही अपनी पार्टी के ही एक नेता जो इसी वार्ड से नगर निगम चुनाव में उतरना चाहते हैं, को चैलेंज करते हुए आप उमीदवार को हराने की एवज में एक लाख रुपए की शर्त भी स्वीकार करने की बात कह डाली।
जब यह पूरा मामला पार्टी हाई कमान के ध्यान में लाया गया तो सोशल मीडिया पर लाइव हुए नेता को कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया। अब यह तो समय ही बताएगा कि नोटिस का क्या हश्र होता है । सुना तो यह भी है कि इस पूरे विवाद को भाजपा हाई कमान सधे कदमों से निपटाने में जुटी हुई है ।