जालंधर(हलचल न्यूज़)
बाजार में सामान्य रूप से एक से 20 रुपये तक के सिक्के रोज के लेनदेन के रूप में हैं। सिक्कों की खपत पर लगातार नजर रखने वाले रिजर्व बैैंक ने भी देखा है कि पांच रुपये के सिक्कों की खपत लगातार बढ़ रही है। इसके चलते हर वर्ष पांच के सिक्कों की आपूर्ति बाजार में बढ़ाई जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में ही 110 करोड़ के करीब पांच के सिक्के देश में उतारे गए। हर वर्ष बाजार में सिक्कों की नई सप्लाई के जरिए रिजर्व बैंक चलन में सिक्कों की वैल्यू करीब 26 हजार करोड़ के आसपास बनाए है। धीमी रफ्तार से ही चलन में सिक्कों का मूल्य बढ़ रहा है।
..तो इसलिए बढ़ रही पांच रुपये की मांग
वैसे तो एक और दो रुपये के सिक्के पहले से ही चलन में बड़ी संख्या में हैं लेकिन अब ज्यादातर चीजों की कीमत एक व दो रुपये से ज्यादा ही है, ऐसे में उनकी जगह पांच रुपये के सिक्कों की बाजार में ज्यादा मांग है। सब्जी की दुकान पर भी कम से कम पांच रुपये की धनिया या मिर्च खरीदी जाती है। इसलिए सबसे छोटी करेंसी के रूप में पांच रुपये के सिक्के की मांग बढ़ रही है। एक के सिक्के की आपूर्ति अप्रत्याशित रूप से करीब चार फीसद रह गई है, वहीं दो रुपये की सप्लाई तीन वर्ष में आधी हो गई है। पांच के सिक्कों की खपत तीन वर्ष में 60 फीसद तक बढ़ चुकी है।

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