जालंधर(हेमंत मरवाहा)
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन की वजह से देश के 84 फीसदी घरों की मासिक आमदनी कम हुई है। गौरतलब है कि देश भर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसका तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो गया था पर 18 मई से चौथा चरण शुरू हो चूका है। एक सर्वक्षण से पता चला है कि इस बार लॉकडाउन देश की बहुत बड़ी आबादी को बुरी तरह से प्रभावित करने वाला है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी, सीएमआईई के एक सर्वेक्षण में कहा गया कि इस लॉकडाउन में तो भारतीय परिवारों में से एक तिहाई से अधिक के पास जीवनयापन के लिए जरूरी संसाधन खत्म हो जाएंगे।
सीएमआईई ने कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से घरेलू आमदनी पर आधारित अध्ययन में कहा है कि भारत के 84 फीसदी से ज्यादा घरों की मासिक आमदनी में गिरावट दर्ज की गई है। देश में कामकाजी आबादी का 25 फीसदी हिस्सा इस समय बेरोजगार हो चुका है। इस बारे में सीएमआईई के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक कृष्णन ने कहा है- अगर पूरे देश की बात करें तो 34 फीसदी घरों की स्थिति खराब हो चुकी है। उनके पास एक हफ्ते के लिए जीवन जीने के जरूरी संसाधन बचे हैं। एक हफ्ते के बाद उनके पास कुछ भी नहीं बचा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में कम आय वर्ग के लोगों को तुरंत मदद किए जाने की जरूरत है। इसके लिए ऐसे वर्ग के लोगों को जल्दी नकदी ट्रांसफर करने की जरूरत है। यदि सरकार जल्दी मदद नहीं की तब कुपोषण और गरीबी की वजह से होने वाली अन्य समस्याओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है।