महाराणा प्रताप की साहस भरी जीवन-गाथा से देशवासियों को सदा राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती रहेगी: किशनलाल शर्मा
जालंधर(विनोद मरवाहा)
स्वतंत्रता प्रिय, कांतिकारी युग पुरूष महाराणा प्रताप ऐसे एक मात्र योद्धा थे जिन्होनें सारा जीवन मातृभूमि की आन, बान, शान के लिए सर्मपित कर दिया था। दुनिया में जब भी शौर्य, पराक्रम, धर्म, सच्चाई, बलिदान का उल्लेख होगा तो महाराणा प्रताप का उदाहरण दिया जाता रहेगा एवं आगे आने वाली पीढ़ी उनके उज्जवल चरित्र से शिक्षा लेती रहेगी। उनकी जीवन-गाथा साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है, जिससे देशवासियों को सदा राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती रहेगी।
यह बात पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष किशनलाल शर्मा ने मंच की और से
महाराणा प्रताप के जन्म दिवस पर आयोजित एक प्रभावशाली समारोह में अपने क्रांतिकारी सम्बोधन में कही। श्री शर्मा ने कहा कि विश्व में क्षत्रिय विचारधारा के गौर को चार-चांद लगाने वाले महाराणा प्रताप राणा प्रताप का सारा जीवन संघर्ष से भरा रहा। वे पल भर के लिए भी विश्राम नही कर पाये क्योंकि महाराणा प्रताप को स्वतंत्रता प्यारी थी और उन्हें अपना स्वाभिमान सर्वोपरि था। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये सदैव अमररहेगा। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया।उन्होंने कहा आज हमे महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेकर देश व सामाज की उन्नतिके लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा महाराणा प्रताप सिंह जैसे क्रांतिकारी एवं देश के लिए मर मिट जाने वालों व्यक्तियों को समाज हमेशा याद रखता है।
इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष विनीत शर्मा ने भी महाराणा प्रताप सिंह के चित्र पर श्रद्धासुमन भेंट करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप मुग़ल सम्राट अकबर से नहीं हारे। उसे एवं उसके सेनापतियो को धुल चटाई । उन्होंने कहा कि आज हम सब को महाराणा प्रताप सिंह से सीख एकजुटता से रह कोरोना जैसी महामारी का सामना करना चाहिए।
इस अवसर पर अजमेर सिंह बादल, चन्दन भनोट,विकास शर्मा आदि मौजूद रहे।