जालंधर/हलचल नेटवर्क
जम्मू के कटरा स्थित प्रसिद्ध मां वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर उदयपुर में भी मां वैष्णो देवी का भव्य मंदिर बनाकर तैयार हो गया है। अरावली के ऊंचे पहाड़ पर बनकर तैयार हुआ यह मंदिर हुबहू वैष्णो देवी मंदिर जैसा ही है। यह उदयपुर से 17 किमी दूर नाथद्वारा रोड पर बना है। इसका परिसर सवा चार लाख फीट में बना है, जिसमें से सवा तीन लाख फीट में मंदिर का निर्माण किया गया है।
उदयपुर के धार्मिक पर्यटन के सर्किट में इस रूट पर यह एक बड़ा केन्द्र के रूप में होगा। उदयपुर आने वाले टूरिस्ट उदयपुर के जगदीश मंदिर, नीमजमाता, करणीमाता, महाकाल मंदिर, कैलाशपुरी स्थित एकलिंगजी और आगे नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन करते हैं।
मंदिर में प्रवेश से लेकर प्रसाद सब कुछ नि:शुल्क होगा। मार्च महीने के पहले सप्ताह में इस मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा।
सवा चार लाख फीट के परिसर में सवा तीन लाख फीट एरिया में मंदिर का निर्माण किया गया है तथा एक लाख फीट परिसर में पार्किंग बनाया गई है। राज्य में यह पहला ऐसा मंदिर होगा जिसमें श्रद्धालुओं को जम्मू स्थित स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर का पूरा स्वरूप नजर आएगा। इस मंदिर में श्रद्धालुओं को पिंडी रूप में दर्शन होंगे।
311 फीट लंबी गुफा
जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर की तरह इस मंदिर में भी दो गुफाओं का निर्माण किया गया है। युवाओं के लिए 311 फीट लंबी गुफ़ा और बुजुर्गों के लिए 251 फीट लंबी गुफ़ा बनाई गई है। जिस तरह मां वैष्णो देवी में कटरा से चलकर श्रद्धालुओं को दर्शनी दयौड़ी के दर्शन होते हैं उसी तरह इस मंदिर में भी श्रद्धालुओं को बाण गंगा, गर्भ जून, हाथी मत्था, सांझी छत से होते त्रिगुट पर्वत में प्रवेश होने का अनुभव मिलेगा। यहां 51 फीट ऊंचे त्रिशूल और भैरू नाथ का मंदिर भी बनाया गया है। साथ ही मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग और नौ देवियों की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। मंदिर में कुल 21 भव्य मूर्तियां स्थापित की गई हैं जो हुबहू बनाई गई है।
मां का भंडारा लगेगा
मंदिर में प्रतिदिन सुबह 9 से रात्रि 9 बजे तक मां का भंडारा प्रसाद के रूप में चलेगा जहा एक बार में हजारों लोगों का खाना बन सके ऐसी रसोई का निर्माण किया गया है। भक्तों के लिए बिना प्याज, लहसुन, घी से बनाया गया प्रसाद वितरित होगा।