नई दिल्ली (हलचल नेटवर्क)
केन्द्र सरकार द्वारा राहत पैकेज मिलने के कुछ ही दिनों के भीतर संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना पेश की है. बीएसएनएल को उम्मीद है कि करीब 70 से 80 हजार कर्मचारी इसका लाभ उठा सकते हैं और इससे कंपनी को वेतन में लगभग सात हजार करोड़ रुपये की बचत होगी.
बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा कि वीआरएस योजना 4 नवंबर से तीन दिसंबर तक चलेगी. बीएसएनएल की सभी इकाइयों को अपने कर्मचारियों को वीआरएस सुविधा की जानकारी देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. बीएसएनएल के कुल 1.5 लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के पात्र हैं. पुरवार ने कहा कि सरकार और बीएसएनएल की ओर से दी जा रही यह श्रेष्ठ वीआरएस सुविधा है और इसे कर्मचारियों को सकारात्मक रूप में देखना चाहिए. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही 69 हजार करोड़ रुपये का पुनरुद्धार पैकेज बीएसएनएल और एमटीएनएल को दिया था. एमटीएनएल ने भी अपने कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना पेश की है.
यह है वीआरएस योजना के मुख्य बिंदु
बीएसएनएल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना-2019 के अनुसार कंपनी के सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी, जिनमें अन्य संगठन में प्रतिनियुक्ति पर तैनात या बीएसएनएल से बाहर प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात कर्मी भी शामिल होंगे और जिनकी उम्र 50 वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है वे वीआरएस योजना का लाभ ले सकते हैं. योजना के तहत वीआरएस लेने वाले व्यक्ति को नौकरी के पूर्ण हो चुके प्रतिवर्ष के आधार पर 35 दिन का वेतन और नौकरी के शेष बचे प्रति वर्ष के आधार पर 25 दिन के वेतन की राशि मिलेगी.

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