नयी दिल्ली (हलचल नैटवर्क)
यासीन भटकल और उसके पांच आतंकी साथियों को दिलसुखनगर ब्लास्ट मामले में आज फांसी की सजा सुनायी है. एनआईए के विशेष कोर्ट ने आज सोमवार को यह फैसला सुनाया. हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 2013 में ब्लास्ट हुआ था. कोर्ट ने पिछली तारीख को यासीन भटकल और उसके पांच आतंकी साथियों आतंकियों असदुल्लाह अख्तर, तहसीन अख्तर, यासीन भटकल, रहमान, एज़ाज़ शेख और रियाज भटकल को इसका दोषी करार दिया था. ये सभी इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकी हैं. विस्फोट के बाद इन सभी को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. रियाज भटकल यासीन भटकल का भाई है.
विस्फोट में 18 लोग मारे गये थे
हैदराबाद के दिलसुखनगर में 21 फरवरी 2013 को हुए आतंकी विस्फोट में 18 लोग मारे गये थे, जबकि 119 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 100 फीट के दायरे में दो सीरियल ब्लास्ट हुए थे. विस्फोट से हैदराबाद के भीड़-भाड़ वाले इलाके में अपरातफरी मच गयी थी. आतंकियों ने बम को एक साइकिल में रखा था. यह आइडी विस्फोट था, जिसे इंडियन मुजाहद्दीन ने प्लांट किया था.
कौन है यासीन भटकल
यासिन भटकल इंडियन मुजाहिदीन का सह संस्थापक था. यासीन कर्नाटक के भटकल शहर में 1983 में पैदा हुआ था. उसने अंजुमन हामी- ए -मुस्लमीन मदरसे से पढ़ाई की थी. यासीन जर्मन बेकरी सहित 10 आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था. वह हैदराबाद के दिलसुखनगर में सीरियल ब्लास्ट के अलावा मुंबई लोकल, बैंगलोर, जयपुर, वाराणसी, सूरत में हुए बम धमाके का भी आरोपी है.
भटकल ने तीन साथियों के साथ मिल कर 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, जावेरी बजार और दादर पश्चिम में तीन सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम दिया था.