जालंधर/विशाल कोहली
पंजाब को जल्द उपमुख्यमंत्री मिल सकता है. आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार इसपर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के एक पदाधिकारी को ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. पंजाब में परिस्थितियों के अनुकूल ये अहम फैसला लिया जा सकता है.
बता दें कि आप ने इस साल के शुरू में हुए विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. पार्टी ने 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की. आप ने भगवंत मान को राज्य का सीएम बनाया. उनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़ी थी.
कैबिनेट मंत्री के रैंक के बराबर होता है उपमुख्यमंत्री
बता दें कि उपमुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता है. यह राज्य में कैबिनेट मंत्री के रैंक के बराबर है. उपमुख्यमंत्री को वो भत्ते मिलते हैं जिसका एक कैबिनेट मंत्री हकदार होता है. अविभाजित पंजाब में, उप मंत्री, राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे. 1966 में, हरियाणा को पंजाब से अलग राज्य के रूप में बनाया गया था.
डिप्टी सीएम को आमतौर पर किसी अन्य कैबिनेट मंत्री के रूप में एक या दो पोर्टफोलियो मिलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि डिप्टी सीएम का वास्तविक महत्व उनको आवंटित किए गए पोर्टफोलियो पर निर्भर करता है. साथ ही, डिप्टी सीएम के पास कोई विशिष्ट वित्तीय शक्ति नहीं होती है. डिप्टी सीएम के पास अन्य कैबिनेट मंत्रियों की तरह ही वित्तीय शक्तियां भी हैं.
पंजाब के इतिहास में एक बार दो उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं. सितंबर 2021 में सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी नाम को चरणजीत सिंह चन्नी के अधीन पंजाब का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था.

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