जालंधर (विनोद मरवाहा)
अखिल भारतीय दुर्गा सेना संगठन की ओर से प्राचीन शिव मंदिर नजदीक दोमोरिया पुल में साप्ताहिक मां बगलामुखी यज्ञ किया गया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर महाराज और गुरु माता नीरज रतन सिकंदर ने अध्यक्षता की।
इस अवसर पर श्री सिकंदर जी महाराज ने प्रवचनों के माध्यम से धर्म रुपी गंगा प्रवाहित करते हुए कहा कि पूजा, पाठ, जप, ध्यान, अनुष्ठान, हवन यज्ञ आदि जो भी क्रियाएं की जाती हैं, उनका मूल उद्देश्य परमात्मा के प्रति अपनी निष्ठा को गहरा करना होता है। जब परमात्मा के प्रति प्रेम भाव बढ़ता जाता है तो यही प्रेम भाव धीरे-धीरे भक्ति का रूप धारण कर लेता है। श्री स्वामी जी ने कहा कि इस प्रकार उपासना का मूल तात्पर्य ईश्वर के प्रति प्रेम का विकास करना ही है।
उन्होंने बताया कि परमात्मा को प्रेम करने वाला अपनी आत्मा और समाज के नैतिक नियमों को भी प्यार करता है। कारण यह होता है कि अध्यात्म का संबंध आत्मा और आत्मा का परमात्मा से होता है। जिसने आदर्शवाद को प्रेम करना सीख लिया उसने मानो परमात्मा को पाने का सूत्र पकड़ लिया। ऐसे साधक से समाज भी प्रेम करने लगता है। ऐसे भाग्यवान व्यक्ति जहाँ रहते हैं उसके आस पास का वातावरण स्वर्गीय भावों से भरा रहता है। कटुता और कलुष का उसके समीप कोई स्थान नहीं होता।


श्री स्वामी जी ने कहा कि ईश्वर के सच्चे भक्त में प्रेम की जो पावन धारा बहती रहती है, उसके आधार पर उसके चारों ओर की परिस्थितियाँ भी प्रेमपूर्ण बनी रहती हैं और परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम द्वारा ही सम्भव है।
इस हवन यज्ञ में भाग लेने वालों में संगठन के पंजाब प्रधान विशाल शर्मा, जालंधर प्रधान वैभव शर्मा, भारत कुमार नारंग, अनूप शर्मा, परमजीत शर्मा, मनजोत, अमरजीत कौर, सुनील मल्होत्रा, संदीप जैन, श्रुति जैन, मोहित जैन, ईशा जैन, पियूष जैन, मोना जैन, रोहित जैन, वेंकटेश जैन, राकेश महाजन, लीना महाजन, मुकेश नागपल, पूजा शर्मा, राज कुमार चोपड़ा, हेमंत गुप्ता, राकेश पुरी, सोम नाथ महाजन, गगन त्रेहन, विकास सूद, रोहित शर्मा, मनमोहन शर्मा, ब्रिज अरोड़ा, अमित गुप्ता, बिन्नी बोहरा, अश्विनी यादव, लक्ष्मी शर्मा, केवल कृष्ण, जोगिन्दर बजाज, विमल गुप्ता, बलकार सिंह, रामसरन राम, मुरली प्रसाद आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

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