जालंधर/आशु घई
महानगर जालंधर के लगभग सभी इलाके में बिल्डिंग बायलाज का उल्लंघन कर ताबड़तोड़ मकान बनाए जा रहे हैं। स्वीकृत नक्शा के विपरीत बहुमंजिले आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों का निर्माण हो रहा है। इन भवनों में पार्किंग एरिया छोड़ा जा रहा न अगल-बगल जमीन। इस पर अंकुश लगाने की जगह नगर निगम सो रहा है। निगम की नींद तभी खुलती है जब बिल्डिंग बायलाज के विपरीत बन रहे मकान से बड़े लोगों को परेशानी होती है। शिकायत मिलने पर नगर निगम त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच से लेकर भवन के मालिक के खिलाफ कार्रवाई तक कर देता है। वैसे शहर में मनमाने तरीके से बन रहे मकानों की जांच के लिए नगर निगम के पास कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। बिल्डिंग बायलाज के विपरीत बन रहे किसी मकान के बारे में कोई शिकायत करता है तो नगर निगम का सबंधित विभाग द्वारा जांच कराई जाती है अन्यथा नहीं। नगर निगम अधिकारी भी भवन की जांच में साल दो साल भी लगा सकते हैं। जांच के बाद भी कार्रवाई होगी या नहीं, इसकी गारंटी नहीं।