जालंधर/हलचल नेटवर्क
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी पुलिस की गिरफ्त नहीं आया है. पंजाब पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है. इस बीच पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के पांच साथियों के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया है. बताया जा रहा है कि पुलिस अमृतपाल के खिलाफ भी एनएसए लगाने की तैयारी कर रही है. आईजीपी पंजाब ने कहा कि ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अभी भी फरार है. उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. पंजाब पुलिस ने उसे भगोड़ा भी घोषित किया हुआ है.
पंजाब के IGP सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. अब तक शांति और सदभाव में खलल डालने के आरोप में ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े 114 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 78 लोगों को पहले दिन, 34 को दूसरे दिन और बीती रात 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया. वहीं, अमृतपाल सिंह के चाचा हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया. आईजीपी ने कहा कि जो फैक्ट्स सामने आए हैं उनमें ISI एंगल और फंडिंग का भी शक है.
What is NSA?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति से कोई खतरा समाने आता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है. अघर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है. यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है.
कब बना ये कानून?
इस कानून को 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इसे बनाया गया था. एनएसए देश की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित है. नेशनल सिक्योरिटी एक्ट को रासुका भी कहा जाता है.
NSA के प्रावधान
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत संदिग्ध व्यक्ति को तीन महीने तक बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है. इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है. इसके तहत हिरासत में रखने के लिए पुलिस को कोर्ट में कोई आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती. हिरासत की समयावधि को अधिकतम 12 महीने तक किया जा सकता है. हिरासत में लिया गया व्यक्ति उच्च न्यायालय में एडवाइजरी के सामने अपील कर सकता है और राज्य सरकार को यह बताना होता है कि इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है.

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