जालंधर/विनोद मरवाहा
कठोर अनुशासन के लिए पहचान रखने वाली भारतीय जनता पार्टी आजकल जालंधर वेस्ट में पूरी तरह नियंत्रण विहीन और अनुशासनहीन नजर आती है। जिला भाजपा के पूर्व उप प्रधान प्रदीप खुल्लर के सोशल मीडिया पर लाइव होने पर अपने विचार व्यक्त करते ही जो बवंडर खड़ा हुआ, उससे अनुशासनहीनता और नियंत्रण विहीन स्थिति साफ नजर आ रही है। खुल्लर द्वारा पार्टी के एक नेता के खिलाफ व्यक्त किये अपने विचारों से साफ तौर पर भाजपा की स्थिति बदनामी वाली हुई है। जानकारों की मानें तो अब तक इस मामले में भी हाईकमान ने भी ऐसा कोई साफ संदेश नहीं दिया, जिससे कार्यकर्ताओं में अनुशासन का डर बना रहे। भाजपा के ही तमाम नेता दबी जुबान में यह कह रहे हैं कि अनुशासन के नाम पर खुल्लर को कारण बताओ नोटिस तो जारी कर दिया गया है लेकिन ठोस कार्रवाई होती नहीं दिखती।
भाजपा को सच सुनना क्यों पसंद नहीं है? आगामी नगर निगम चुनाव में क्या वार्ड नंबर 45 में भाजपा के संभावित उम्मीदवार आप नेता को हरा पाएंगें? जानने के लिए हलचल पंजाब के साथ जुड़े रहें। जल्द करेंगें खुलासा ।
एक तरफ तो जालंधर वेस्ट में भाजपा नेताओं की भरमार है और दूसरी ओर इन नेताओं में नेतृत्व विहीनता की स्थिति है। दिन-प्रतिदिन आपस में मतभेद और गतिरोध बढ़ रहा है। यह हालात तब हैं, जब जालंधर लोकसभा उप चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी की शर्मनाक हार के साथ साथ जमानत भी जब्त हो चुकी है। अगर यह कहा जाए कि जालंधर वेस्ट में भाजपा धीर-धीरे दुर्गति की और लगतातर बढ़ते हुए अब अंधेरी सुरंग में आकर खड़ी हो गई है तो कोई भी गलत बात नहीं होगी ।
कुल मिलाकर सवाल यह है कि जिला भाजपा की जिम्मेदारी संभालने वाले सुशील शर्मा किस वजह से चुप्पी साधकर बैठे हैं जबकि पार्टी में आंतरिक विरोध बढ़ रहा है। सुशील शर्मा को बताना होगा कि यदि खुल्लर जैसे लोग भाजपा में नहीं रहेंगे तो भाजपा का कौन सा नुकसान हो जायेगा। वैसे भी भाजपा सत्ता में तो है नहीं।
अगर यही चलता रहा तो इसका नुकसान आगामी नगर निगम चुनाव में भाजपा को निश्चित तौर पर भुगतना पड़ सकता है।

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