जालंधर(विनोद मरवाहा)
अखिल भारतीय दुर्गा सेना के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर महाराज की अध्यक्षता में मां बगलामुखी साप्ताहिक हवन यज्ञ का आयोजन दोमोरिया पुल के नजदीक प्राचीन शिव मंदिर में किया गया। इस अवसर पर गुरु माँ नीरज रतन सिकंदर जी भी विशेष तौर पर उपस्थित थीं। विश्व शांति के लिए हवन यज्ञ में पूर्ण आहुतियां डाली गई।
इस मौके पर श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर जी महाराज ने श्रावण मास की महत्ता बताते हुए कहा कि जब सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करता है, तब से महीने की शुरूआत होती है। सावन प्रारंभ होने से ठीक पहले विष्णु भगवान देवशयनी एकादशी पर योग निद्रा में चले जाते हैं। सृष्टि पालन की सारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर वे पाताल लोक में विश्राम करते हैं। श्री स्वामी जी ने बताया कि तब उनका सारा कार्यभार महादेव भोले शंकर संभाल लेते हैं। सावन प्रारंभ होते ही भगवान शिव जाग्रत हो जाते हैं और माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक का सारा कार्यभार संभालते हैं।


उन्होंने कहा कि विष ग्रहण करने वाले महादेव को सावन माह में जलाभिषेक से ठंडक मिलती है। ये प्रमुख कारण है कि शिवजी को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। इस धारणा से इस माह में उनकी पूजा का महत्व भी और बढ़ जाता है। आशुतोष शंकर की उपासना अत्यंत सरल है। मिट्टी से ही उनका शिवलिंग बन जाता है और बेल पत्र से पूजा हो जाती है। बिना मेहनत के ही मुख से बम-बम की ध्वनि करने से काम हो जाता है। बाण, रावण, चंडी, भृंगी आदि शिव के मुख्य पार्षद व कीर्तिमुख द्वार रक्षक हैं। इनकी पूजा के बाद ही शिवालय में प्रवेश कर शिव पूजा का विधान शुरू होता है। श्री स्वामी जी के अनुसार शिव सबके दोषों और विषों को पी जाते हैं एवं क्षमा कर देते हैं
इस अवसर पर संगठन के पंजाब प्रधान विशाल शर्मा, जालंधर प्रधान वैभव शर्मा, राकेश महाजन, लीना महाजन, पूजा शर्मा, कुमारी ममता, कमल मल्होत्रा, शंकर दास, दुष्यंत वोहरा, अमित गुप्ता, निरंजन दास, रछपाल सिंह, संदीप जैन, श्रुति जैन, अश्वनी यादव,,राजू शाम चौरासी, अश्वनी वर्मा, लक्ष्मी वोहरा, वीना वोहरा, बलजीत सिंह, गुरमुख सिंह, मनमोहन, रेणु मल्होत्रा, बलजीत कौर, लक्ष्मी शर्मा, राजन खन्ना, मोनिका शर्मा, राजू शर्मा, कृष्ण बब्बर, सुरजीत लूथर, मुकेश सहदेव, अशोक थापर, मनु चोपड़ा, जतिंदर सिंह, हरीश सिंगला, नारायण दास, विजय सोनी, मुकेसज लूथर, पंकज सिक्का, दीपक सेठ आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

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