जालंधर(योगेश कत्याल)
नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर फ़िलहाल रोक लाने से इन्कार कर दिया है। इस मामलो में आगे वाली सुनवाई 22 जनवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट में सीएए को ले कर 59 पटीशनों दाख़िल की गई थी। पटीशनों पर चीफ़ जस्टिस ऐसए बोबड़े, जस्टिस ब्यार गवयी और जस्टिस सूरिया प्रसन्न की बैंच ने सुनवाई की है।
पटीशन में कांग्रेस के नेता जैराम रमेश, AIMIM के असदूदीन ओवैसी, टीएमसी की महूआ मोइतरा, आरजेडी के मनोज झाय, सभा उलेमा ए हिंद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल है। ज़्यादातर पटीशनों में धर्म के आधार पर शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले कानून को संविधान ख़िलाफ़ बताया गया है।
आरजेडी के मनोज झा ने आज अपनी पटीशन में कहा है कि यह कानून धर्म निरपेक्षता का उल्लंघन है क्योंकि यह धार्मिक समूहों प्रति “ख़राब भेदभाव के साथ नागरिकता प्रदान करन से कुछ लोगों को खाली रखता है। उधर सभा उलेमा -ऐ -हिंद ने कहा है कि सिटीज़नशिप संशोधन एक्ट भारत के पड़ोसी देशों से सताए हिंदुयों, बुद्ध धर्म का अनुयायी, ईसाईयों, पारसियों, सिक्खों, जैन जैसी कौम के लोगों को नागरिकता देने की बात करता है परन्तु मुसलमानों को जानबूझ कर इस में शामल नहीं किया गया।