जालंधर(हलचल नेटवर्क)
सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने से पहले पाकिस्तान ने भारत की एक अहम मांग को खारिज कर दिया है। भारत ने मांग की थी एक भारतीय टीम को करतारपुर कॉरिडोर के उद्‌घाटन से पहले ही वहां तैयारियों और प्रोटोकॉल का जायजा लेने के लिए जाने की इजाजत दी जाए। सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस्लामाबाद ने नई दिल्ली की इस मांग को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने सिर्फ भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को वहां जाने की इजाजत दी है। सरकार ने जुड़े सूत्रों ने यह भी बताया कि भारत ने पाकिस्तान से साफ-साफ कहा है कि वह आतंकी खतरे के मद्देनजर करतारपुर जाने वाली हस्तियों को सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा मुहैया कराए। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की भारतविरोधी गतिविधियां नई दिल्ली के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं। सूत्रों ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान से आतंकी खतरे की विशिष्ट खुफिया सूचना साझा की है। भारत अभी यह देख रहा है कि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं को कैसे पूरा करता है।
दूसरी ओर भारत ने पाकिस्तान से साफ करने को कहा है कि करतारपुर साहिब के लिए पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी या नहीं। सरकार के सूत्र ने बताया, ‘हमारी सुरक्षा एजेंसियां चौकस रहेंगी। पाकिस्तान का लक्ष्य अलगाववाद को बढ़ावा देना है। इसलिए पाकिस्तान ने वीआईपी लोगों के लिए इंतजामों और जरूरी चीजों के बारे में जानकारी देने के लिए टीम भेजने के भारत के अनुरोध पर अब तक जवाब नहीं दिया है। फिर भी हमने पड़ोसी देश से शख्सियतों के लिए पूरे इंतजाम करने के बारे में कहा है।
दूसरी ओर गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें हरियाणा के भी विधायक पहुंचे। यह पहली बार दोनों राज्यों के विधायक बुधवार को विधानसभा सत्र में एक साथ शामिल हुए। सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘करतारपुर मॉडल’ भविष्य के संघर्षों को सुलझाने में मदद कर सकता है।

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