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वैश्विक अस्थिरता और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं जिसका सीधा असर अब भारतीय बाजारों पर पड़ रहा है और संभावनाएं हैं कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ जाएंगी जो कि देश के आम आदमी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है. ख़बरें हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के संपन्न होने के साथ ही भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं जिस पर 16 मार्च को कुछ बड़ी खबर आ सकती है.
12 रुपये तक बढ़ सकते हैं दाम
दरअसल, वैश्विक बाजारों में बढ़तें कच्चे तेल के दामों के चलते तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है. इसको लेकर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण सरकारी खुदरा तेल कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है. घरेलू तेल कंपनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी ही होंगी और इसीलिए 16 मार्च की तारीख को अहम माना जा रहा है.
कितने बढ़ सकते हैं दाम
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट का कहना है कि यदि लाभ को भी जोड़ लें तो भी तेल कंपनियों को 15.1 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने होंगे. वैश्विक आयात पर निर्भर होने के कारत भारत में पेट्रोलियम पदार्थों में महंगाई की आशंकाएं दिख रही हैं.
आग उगल रहा है क्रूड ऑयल
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. वैश्विक बाजार में कच्चा तेल बढ़कर 120 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था. यह इसका 9 साल का उच्च स्तर है. हालांकि इसके बाद कीमतों में कुछ नरमी के साथ कच्चा तेल 111 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया लेकिन इसका 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाना ही भारत के लिए झटके वाली बात होती है.
चुनाव के बाद बढ़ेंगे दाम
यह माना जा रहा है कि अचानक पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर लोगों का गुस्सा सत्ताधारी दल के खिलाफ निकल सकता है. इसे देखते हुए अभी पेट्रोल-डीजल के दाम अंतराष्ट्रीय अस्थिरता के कारण अस्थिर हैं लेकिन विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद 16 फरवरी तक पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बड़ी खबर सामने आ सकती है जो कि आम जनमानस के लिए एक झटका होगी.