जालंधर(विनोद मरवाहा)
एससी-एसटी छात्रों को प्रवेश देने को लेकर शैक्षणिक संस्थानों की अब कोई भी बहानेबाजी नहीं चलेगी। केंद्र सरकार ने देश भर के सभी शैक्षणिक संस्थानों से फीस न होने के बाद भी छात्रवृत्ति के पात्र छात्रों को प्रवेश देने के लिए कहा है।
इस बात की जानकारी देते हुए भाजपा उपाध्यक्ष मोहिंदर भगतने कहा कि केंद्र कि भाजपा सरकार ने यह निर्देश उस समय जारी किया है, जब एससी-एसटी छात्रों ने छात्रवृत्ति के बदले पैटर्न के चलते कई शैक्षणिक संस्थानों की ओर से प्रवेश के लिए पहले फीस मांगे जाने की शिकायत की थी। श्री भगत के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों ने प्रवेश देने को लेकर यह अरुचि सरकार की एससी-एसटी छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को लेकर बदली व्यवस्था के बाद दिखाई है। जिसके तहत छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा अब शैक्षणिक संस्थानों के खाते में जाने बजाय सीधे छात्रों को दिया जाने लगा है। ऐसे में संस्थानों की ओर से यह रुख दिखाया गया है।

श्री भगत के अनुसार छात्रों ने केंद्र सरकार को की गई अपनी शिकायत में कहा था कि संस्थान अब प्रवेश देने के लिए पहले फीस मांग रहे है। यह वहीं संस्थान है, जो अब तक उन्हें घर से बुलाकर प्रवेश देते थे। श्री भगत ने कहा कि हालांकि छात्रों की इस शिकायत के बाद केंद्र ने तुरंत सक्रियता दिखते हुए राज्यों को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा कि वह ऐसे सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दे कि छात्रवृत्ति की पात्रता रखने वाले एससी-एसटी छात्रों को फीस न होने की दशा में भी प्रवेश दें। साथ ही यदि इससे जुड़ा कोई दस्तावेज भी प्रवेश के दौरान नहीं मौजूद रहता है, तो उसके लिए भी छात्रों को समय दिया जाए।

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