नई दिल्ली(हलचल नेटवर्क)
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में महिला और उसके बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि डिलिवरी रूम में पेशंट के दर्द से कराहने पर लेडिज डॉक्टर ने थप्पड़ मारा, जिसके बाद महिला बेड से गिर गई। पेट के बल गिरने के कारण उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद तबीयत बिगड़ने से महिला की भी मौत हो गई। अस्पताल का कहना है कि पेशंट की हालत बहुत खराब थी। उसे बचाने की कोशिश की गई, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
महावीर एनक्लेव (पालम) की रहने वाली 21 वर्षीय निशा को डिलिवरी के लिए गुरुवार रात परिवार के लोग दादा देव हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने उसे दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों का कहना है कि दीनदयाल अस्पताल में रात करीब 11:00 बजे पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने एडमिट तो कर लिया, लेकिन तेज दर्द के कारण बार-बार कराह रही निशा को डॉक्टर ने शांत रहने के लिए कहा। इसके बावजूद वह दर्द से कराहती रही, जिसके बाद वहां मौजूद लेडी डॉक्टर ने थप्पड़ और धक्का मारा। निशा बेड से नीचे गिर गई।
इन आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने खारिज किया और कहा कि महिला की मौत इलाज के दौरान हुई है। दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ए. के. मेहता ने कहा कि पेशंट की तबीयत ज्यादा खराब थी। उसे बचाने की पूरी कोशिश की गई, जबकि जन्म के बाद ही बच्चे की धड़कन बंद थी। इस मामले में पुलिस को शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया। उसकी मौत रात में ही हो गई थी। परिजनों का कहना है कि मौत होने के बावजूद भी खून चढ़ाने के लिए बोतल मंगाई गई। महिला के पिता रहमान खान और मां का आरोप है कि बेटी के बेड से गिरने के बाद वह बार-बार मिलने की बात करते रहे, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मिलने नहीं दिया। गार्ड और बाउंसरों ने गाली-गलौच करके भगा दिया।

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