जालंधर(विनोद मरवाहा)
जब मानव अन्याय और अधर्म के दलदल में खो जाता है, तब भगवान उसे सही रास्ता दिखाने हेतु समय समय पर अवतार ग्रहण करते हैं। हम अवतारों की मूर्तियों की उपासना तो करते हैं जबकि उनके आदर्शों को अपने जीवन में न तो अपनाते हैं और न ही उनका आचरण करते हैं।
यह विचार अखिल भारतीय दुर्गा सेना संगठन के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री श्री 108 स्वामी सिकंदर जी महाराज ने प्राचीन शिव मंदिर, नजदीक दोमोरिया पुल में आयोजित मां बगलामुखी साप्ताहिक हवन यज्ञ को अल्प विश्राम देते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर गुरु माँ नीरज रतन सिकंदर जी भी विशेष तौर पर उपस्थित थीं।
श्री स्वामी जी ने कहा कि हमारे सभी धार्मिक ग्रंथ आदर्श और विज्ञानमय हैं। हम उनकी आरती तो उतारते हैं लेकिन उनमें जो लिखा है उस पर ध्यान नहीं देते। श्री स्वामी जी ने कहा कि सोचने वाली बात यह है कि अगर पुस्तक की आरती उतारकर बच्चा पांचवीं की कक्षा पास नहीं कर सकता तो हम अवतारों की केवल आरती उतारकर भवसागर को कैसे पार कर सकते हैं।
श्री स्वामी जी ने कहा कि यदि जीवन को श्रेष्ट बनाना है, परमात्मा का प्रिय बनना है तो उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए और साथ ही उनके आदर्शों को भी अपने जीवन में उतारना भी चाहिए।


इस अवसर पर इस अवसर पर संगठन के पंजाब प्रधान विशाल शर्मा, जालंधर प्रधान वैभव शर्मा, रानी सरीन, राजू शाम चौरासी, राजिंदर कुमार, कश्मीरी लाल, मोहित जैन, निखिल मित्तल, पंकज सिक्का, पूजा शर्मा, राकेश महाजन, लीना महाजन, अश्वनी वर्मा, वरिंदर शर्मा, संजय शर्मा, अवनीत ग्रोवर, अशोक थापर, अमित भाटिया, सौरभ शर्मा, विनय शर्मा, कमल मल्होत्रा, सुखजीत भाटिया, अशोक चड्डा, सुरेश खुराना, जतिन गुलाटी, बलजीत सिंह, गुरमुख सिंह, मनमोहन, रेणु मल्होत्रा, राजन खन्ना, रिपन मदान, प्रमोद गुप्ता, विशाल कपूर, सुमन चोपड़ा, नंदन मल्होत्रा, राज कुमार कलसी, पुष्पिंदर शर्मा, अमन कपूर आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

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