जालंधर(विनोद मरवाहा)
भाजपा के लगभग सौ सांसदों पर लोकसभा का टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें डेढ़ दर्जन केंद्रीय मंत्री व एक-दो राज्य मंत्री भी शामिल हैं। पार्टी के विभिन्न राज्यों के संगठन मंत्रियों ने अपने अपने राज्यों के आकलन में सांसदों के कामकाज और जनता में लोकप्रियता की कसौटी पर आंकड़ा तैयार किया है। इन सभी सांसदों को स्थिति बेहतर करने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा, साथ ही वैकल्पिक उम्मीदवार की तलाश भी की जाएगी। केंद्र सरकार के चार साल पूरा होते ही भाजपा में हर लोकसभा सीट की समीक्षा व तैयारी का काम शुरू कर दिया गया है।
संघ व संगठन के फीडबैक, निजी एजेंसियों के सर्वे और नमो एप से हर क्षेत्र व हर सांसद की जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, हाल में सूरजकुंड में भाजपा के देश भर के सभी राज्यों के संगठन मंत्रियों की बैठक में अनौपचारिक विचार-विमर्श में भाजपा के 104 लोकसभा सांसदों की स्थिति को कमजोर माना गया है। सांसद के कामकाज व जनता की राय को इसमें प्रमुख आधार माना गया है। विपक्षी गठबंधन के बगैर किया गया है आकलन : सूत्रों के अनुसार इसमें उत्तर प्रदेश के 19 सांसद शामिल हैं। इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है। पंजाब में सांसद के प्रति भी नाराजगी सामने आई है। यूपी और बिहार में अभी विपक्षी गठबंधन को लेकर विचार नहीं किया गया है। अभी केवल सांसद की स्थिति पर ही राय तैयार की गई है।

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