जालंधर(आशु घई)
अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कई वर्षो तक वही करते रहे, जिन्होंने कश्मीर के मुस्लिमों को पट्टी पढ़ाकर सत्ता का लाभ लिया। सत्ता के लोभी कुछ राजनैतिक दल ही आज अनुच्छेद 370 व 35 ए हटाने का विरोध कर रहे हैं।
यह बात भाजपा मंडल 6 के प्रधान अजय चोपड़ा ने प्रधान मंत्री श्री मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के साहसपूर्ण निर्णय की प्रशंसा करते हुए कही। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा कि कश्मीर की समस्या पंडित जवाहर लाल नेहरू की निजी वैमनस्यता की उपज थी। अहंकार के टकराव के नाते कश्मीर के विलय के समय गलत निर्णय लिए गए जो केवल व केवल लाखों कश्मीरी पंडितों के लिए दशकों की त्रसदी बने। श्री चोपड़ा ने कहा कि शेख अब्दुल्ला के कश्मीर छोड़ो आंदोलन के समय कश्मीर में प्रवेश करने पर महाराजा हरि सिंह ने नेहरू जी को गिरफ्तार किया था। कश्मीर का विलय भारत में पूरी तरह से वैधानिक तरीके से हुआ लेकिन सन 1954 में 35 ए जोड़कर भारत की संप्रभुता को कश्मीर में बाधित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 में संशोधन तथा 35ए का हटना देश व विशेषकर कश्मीरी पंडितों के लिए किसी स्वप्न के साकार होने से कम नहीं है। श्री चोपड़ा के अनुसार अपने वतन को कौन लौटना नहीं चाहता है। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि जैसे ही कश्मीरी पंडित सुरक्षा के प्रति आश्वस्त हो जाएंगे कश्मीर में दोबारा लौटना शुरू कर देंगे। श्री चोपड़ा ने कहा कि अनुच्छेद 370 और धारा 35ए पर मोदी जी और शाह जी के साथ देश की जनता का दबाव ही सबसे प्रभावी रहा है।