चौथे चरण में लॉकडाउन कैसा होगा, इसे दो तरीके से समझा जा सकता है। एक तरीका जोन के हिसाब वाला है और दूसरा निगेटिव लिस्ट बनाने का है। ध्यान रहे सरकार ने पूरे देश को अलग अलग जोन में बांट दिया है। रेड जोन में सबसे ज्यादा मामले हैं और वहां ज्यादा सख्ती की जा रही है। ऑरेंज जोन में कम मामले हैं और वहां थोड़ी ढील मिली हुई है और ग्रीन जोन में कोई मामला नहीं है और वहां जिले के अंदर कुछ सेवाओं को छोड़ कर बाकी सब शुरू हो गया है। अब राज्यों ने मांग की है कि जोन के अंदर भी श्रेणी बनाई जाए। यानी रेड जोन के अंदर भी ज्यादा मामले वाले इलाकों यानी हॉटस्पॉट को चिन्हित करके उसी जगह पाबंदी लगाई जाए और बाकी इलाकों में कामकाज की छूट दी जाए। ज्यादातर राज्य आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के पक्ष में हैं और इसलिए यह भी चाहते हैं कि जोन का निर्धारण करने का अधिकार उनके हाथ में रहे। बताया जा रहा है कि सरकार ऐसा कर सकती है। असल में केंद्र सरकार अब लॉकडाउन से जुड़े कम ही अधिकार अपने हाथ में रखना चाहती है और राज्यों को अपने हिसाब से फैसले करने की छूट देना चाहती है। ऐसा होने पर ग्रीन और ऑरेंज जोन में ज्यादातर गतिविधियां शुरू हो जाएंगी और रेड जोन में हॉटस्पॉट को लॉक करके बाकी इलाके में सीमित गतिविधियों की इजाजत होगी। इसके बाद संक्रमण की संख्या के हिसाब से जोन बदलने का काम भी होगा।
दूसरा तरीका निगेटिव लिस्ट बनाने का है यानी ऐसी सेवाओं और कामों की सूची बनाई जाए, जो चौथे चरण में भी नहीं चालू होंगी। जैसे स्कूल-कॉलेज और सारे शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। शॉपिंग मॉल्स और सिनेमा हॉल्स भी इस दौरान बंद रहेंगे। धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। रेस्तरां और होटल बंद रहेंगे और साथ ही सारे धार्मिक स्थल भी बंद रहेंगे। इनके अलावा बाकी सारी चीजें कमोबेश चालू हो जाएंगी। सरकार ने रेलवे की सेवा शुरू कर दी है और अब इसका विस्तार होने वाला है यानी अब ज्यादा ट्रेनें चलाई जाएंगी।
विमान सेवा भी शुरू हो सकती है। इसके लिए प्रोटोकॉल तैयार कर लिए गए हैं। दिल्ली सहित जहां भी मेट्रो रेल की सेवा है उसे भी शुरू किया जाएगा और सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसें भी चालू हो जाएंगी। सर्वोच्च अदालत ने गरमी की छुट्टियों में काम करने का फैसला किया है और इसलिए चौथे चरण में अदालतों में कामकाज शुरू हो सकता है। सरकारी दफ्तरों की तरह निजी कार्यालयों में भी सौ फीसदी उपस्थिति के साथ कामकाज शुरू हो सकता है। शॉपिंग मॉल्स से बाहर की लगभग सारी दुकानों को खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
हालांकि इससे खतरा बहुत बढ़ जाएगा। इस समय देश में हर दिन साढ़े तीन हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं और मरने वालों का रोजाना का औसत भी एक सौ से ज्यादा हो गया है। ये सारे मामले लॉकडाउन में ढील देना शुरू करने से पहले के संक्रमण वाले हैं। लॉकडाउन में ढील देने के बाद का आंकड़ा अब आएगा, जिसके ज्यादा बढ़ने का अंदेशा है। अगर चौथे चरण में पहले से ज्यादा ढील दी जाती है तो मामले और ज्यादा बढ़ेंगे। फिर पता नहीं उसके बाद क्या होगा?

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