जालंधर(योगेश कत्याल)
धन दौलत की अपार संपदा होते हुए भी मन अशांत रहता है तो जीवन का अर्थ समाप्त होता है। धन की कमी भले हो पर मन शांत हो तो वह परम सुखी रहता है। सुदामा चरित्र के प्रसंग से जोड़ते हुए आचार्य ने कहा कि सुदामा के पास धन नहीं था निर्धनता थी पर वे सुखी जीवन जी रहे थे। कारण उनके पास प्रभु की भक्ति का धन था।


यह बात श्री बांके बिहारी भागवत प्रचार समिति की ओर से साईं दास स्कूल की ग्राउंड में जारी श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास आचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी महाराज ने कही। कथा के माध्यम से धर्मरूपी गंगा का परवाह करते हुए आचार्यश्री ने सुदामा चरित्र प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुदामा के जीवन में धन की कमी थी लेकिन वे मन से संतुष्ट व शांत थे। इसीलिये वे हमेशा सुखी जीवन जीते थे। सुदामा अपने प्रभु के पास उनके दर्शन के लिए जाना चाहते थे मगर वे खाली हाथ कैसे जाएं। उनकी पत्‍‌नी सुशीला ने चार मुट्ठी चावल जो मांग कर लायी थी उसे ही वे लेकर प्रभु के दर्शन को गए। प्रभु ने अपने बाल सखा के चावल को श्रद्धा भाव के साथ ग्रहण किया। प्रभु ने कहा कि मेरा भक्त मुझे भाव पत्र, पुष्प व जल ही अर्पित करता है तो मै उसे बड़े भाव व आदर के साथ ग्रहण करता हूं। प्रभु ने सुदामा के लाए चावल को ग्रहण कर उनके सारे कष्ट को क्षण में ही दूर कर दिया। आचार्यश्री बताया कि अगर व्यक्ति अपना मूल्य समझे और विश्वास करे कि वह संसार के सबसे प्रसन्न व्यक्ति है तो वह हमेशा कार्यशील बना रहेगा।


समापन अवसर पर विशेष महोत्सव के रूप में फूलों की होली खेली गई। इस अवसर पर आचार्यश्री ने अपने मुखारविंद से होली खेल रहे बांके बिहारी व बांके बिहारी की देख छटा मेरा मान हो गयो लता पता आदि भजनों को बड़े भाव से सुनाकर भागवत प्रेमियों को जमकर नचाया। कथा के अंतिम दिन पंडाल में हजारों भागवत प्रेमी उपस्थित थे।
इस अवसर पर डीसी वरिंदर शर्मा, पूर्व विधायक अवतार हैनरी, फगवाड़ा के पूर्व मेयर अरुण खोसला, एसीपी रणजीत सिंह,संस्था के प्रधान सुनील नैय्यर, संजय सहगल, महेश मखीजा, वरिष्ठ आढ़ती राजू मखीजा, जोगिंदर सिंह, बबीता शर्मा, नंदन शर्मा, गुरमीत, अश्विनी महेंद्रू, हरीश महेंद्रू, विनय कुमार, पंकज जोड़ा, गौरव लूथरा, डॉ. बिक्रमजीत सिंह, महेंद्र सिंह गुल्लू, राजन शर्मा, कांग्रेस नेता बब्बू सिडाना, बृजेश कुमार जुनेजा, उमेश ओरी, नरेश तलवार, सरोज तलवार, हनी तलवार, संदीप मलिक, बृजमोहन चड्ढा, चंदन वडेरा, रिंकू मल्होत्र, भूपेंद्र बिल्ला, राहुल बाहरी, नरेंद्र वर्मा, सुमित गोयल, बल¨वदर शर्मा, अश्विनी कुमार आशू, विकास ग्रोवर, हेमंत थापर, योगेश कत्याल, राकेश महाजन, हितेंद्र तलवार, दविंदरअरोड़ा, राजकुमार शर्मा, मनीष गुप्ता, गोपी वर्मा, राजवंश मल्होत्रा, अरुण मल्होत्रा, तरुण सरीन, दविंदर वर्मा, विनोद खैहरा व अन्य मौजूद थे।

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