जालंधर(विनोद मरवाहा)
वि‍देश में अपना खुद का व्यापार करना और डॉलर में कमाई कर आराम से जीवन बि‍ताना भला कि‍से अच्‍छा नहीं लगता। अगर आप विदेश में अपना व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं तो सुविधा ओवरसीज के मान्यवर जी आपके लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आए हैं।

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मान्यवर जी का मानना है कि नोटबंदी से आज पूरे देश के व्यापार की हालात अचानक शरीर से सारा खून चूसने वाले मरीज जैसी जरुर हो गई है। टैक्स और व्यापार के कड़े नियम की कानूनी लड़ाई की झंझटो में फंसकर छोटे व्यापारी आज कॉर्पोरेट घरानों के सामने टिक नहीं पा रहे हैं। सरकार स्थानीय छोटे व्यापारियों को खत्मकर करोड़ों लोगों के हाथो का व्यापार चंद कॉर्पोरेट के हाथों में देना चाहती है। एक तरह से भारत में भी वैश्य समाज की आखिरी पीढ़ी धंधा कर रही है। श्री मान्यवर जी की मानें तो यही कारण है कि विदेशों में रह कर अपना व्यापार करने के लिए वि‍देशों का रुख करने वाले भारतीयों की संख्‍या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में 10-20 हजार रुपए प्रति माह कि नौकरी करने वाला भी वि‍देश में पक्के तौर पर बसकर अपना व्यापार कर सकते हैं।


मान्यवर जी ने कहा कि विदेश में बसने का सपना तो हर कोई देखता है लेकिन सभी का ये सपना साकार नहीं हो पाता। अपने भविष्‍य को सुरक्षित करने के लिए ज्‍यादातर लोग विदेशों में बसने का सोचते हैं लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं ऐसा होना कोई आसान बात नहीं है लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत बिलकुल नहीं है क्‍योंकि हम आपको बताएंगें कि किस तरह आप विदेश में बसने और व्यापार करने का ख्वाब पूरा कर सकते हैं।
बता दें कि श्री मान्यवर अपने प्रयासों से ऐसे भारतीय माता-पिता को विदेशों में अपना कारोबर करने का अवसर प्रदान कर एक तरह से वहां रह रहे बच्चों से उन्हें मिलवाने का काम कर रहे हैं।

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