नई दिल्ली( हलचल नेटवर्क)
कैसा हो अगर श्रीनगर में बिजली की जो दर हो वही कन्याकुमारी में भी हो और यही दर अहमदाबाद से लेकर शिलांग तक में हो? देश ने इस दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ा दिया है। देश के सभी पावर एक्सचेंजों में बिजली की कीमत एक समान तौर पर औसतन 2.61 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली वितरण कंपनियों को बेची गई है। पूरे दिन में बिजली की दर 2.40 से 3.25 रुपये के बीच एक समान स्तर पर बनी रही है। सरकार का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में पूरे देश में आम ग्राहकों के लिए भी बिजली की एक दर लागू हो सकेगी।
देश में बिजली की आपूर्ति, मांग व दर संबंधी रिपोर्ट बताती है कि जून, 2017 के पहले हफ्ते के दौरान बिजली की मांग और आपूर्ति में महज 2101 मेगावाट का अंतर रहा है। सरकार इसे अपनी उपलब्धि के तौर पर देख रही है।
अब सवाल यह है कि क्या पूरे देश में आम जनता के लिए भी बिजली की एक ही दर लागू हो सकेगी? बिजली मंत्रालय के एक वरिष्ट मंत्रालय के मुताबिक यह संभव है लेकिन अभी इसमें दो से तीन वर्ष का वक्त लग सकता है। भले ही हर राज्य में एक समान बिजली की दर लागू न हो लेकिन उनके बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहेगा। लेकिन इसके लिए पहले बिजली वितरण कंपनियों की माली हालात सुधारनी होगी। उम्मीद है कि उदय योजना के पूरी तरह से लागू होने के दो वर्षो के भीतर राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर बकाये बोझ को खत्म किया जा सकेगा। उसके बाद ग्राहकों के लिए भी बिजली की दर राष्ट्रीय स्तर पर एक समान हो सकेगी।
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