जालंधर(दीपक मेहता)
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में अपने और टीम के खराब प्रदर्शन के बाद शेन वॉटसन ने संन्यास का फैसला लिया है। 2018 में ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने अब फ्रैंचाइजी क्रिकेट से भी दूरी का मन बना लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आखिरी लीग मैच में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ जीत दर्ज करने के बाद वॉटसन ने ड्रेसिंग रूम में साथी खिलाड़ियों को इस फैसले के बारे में बताया।
2018 की नीलामी में चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ जुड़ने से पहले शेन वॉटसन राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम से भी खेल चुके हैं। 2018 के फाइनल में शेन के शतक से ही चेन्नई ने खिताब जीतकर दो साल के बैन के बाद धमाकेदार वापसी की थी। 2019 के फाइनल में भी उन्होंने चोटिल होने के बावजूद दमदार खेल दिखाया, लेकिन मुंबई इंडियंस ने एक विकेट से हराते हुए अपना चौथा खिताब जीता था।
फ्रैंचाइजी क्रिकेट और चेन्नई सुपरकिंग्स को अलविदा कहते वक्त वॉटसन बेहद भावुक थे। 39 वर्षीय वॉटसन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 58 टेस्ट, 190 वन-डे और 58 टी-20 इंटरनेशनल खेल चुके हैं। 145 आईपीएल मुकाबलों में चेन्नई के लिए 43 मैच खेलने वाले इस खिलाड़ी का मौजूदा सीजन निराशाजनक रहा। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 83 रन की नाबाद पारी खेलने के अलावा वॉटसन सीएसके को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पाए। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ दोस्ताना संबंध और खेल की गहरी समझ को देखते हुए बहुत संभव है कि वॉटसन 2021 में स्टाफ का हिस्सा होंगे और चेन्नई सुपरकिंग्स को नए सिरे से खड़ा करने में माही का साथ निभाएंगे